भाई की कलाई पर बांधें ईको फ्रेंडली राखी, पर्यावरण संरक्षण का लें संकल्प

क्या कभी आपने सोचा है कि रक्षाबंधन के बाद इन राखियों का क्या होता है?

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भाई की कलाई के लिए एक दिन पहले ही बहनें सुंदर और आकर्षक राखियों की तलाश कर रही हैं. भाई की कलाई के लिए एक दिन पहले ही बहनें सुंदर और आकर्षक राखियों की तलाश कर रही हैं.

सुमित कुमार / aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST

भाई-बहन के रिश्ते का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन पड़ रहा है. भाई की कलाई के लिए एक दिन पहले ही बहनें सुंदर और आकर्षक राखियों की तलाश कर रही हैं, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि रक्षाबंधन के बाद इन राखियों का क्या होता है.

कुछ लोग राखियों को सालों तक संभालकर रखते हैं, जबकि कुछ लोगों को पता ही नहीं चलता कि राखी कब उनके हाथ से टूटकर सड़क पर बिखर गई. यह भावनात्कम और स्वच्छता दोनों ही लिहाज से सही नहीं है. इससे तो बेहतर है कि आप रक्षाबंधन के त्योहार पर ईको फ्रेंडली राखियां खरीदें.

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हम सभी को कोशिश करनी चाहिए कि खुशियों का यह त्योहार प्रकृति पर भारी न पड़ जाए. मौजूदा दौर में राखियां बनाने में प्लास्टिक का काफी इस्तेमाल हो रहा है, जो प्रकृति के लिए सही नहीं है. जब त्योहार धागों का है तो यहां प्लास्टिक का क्या काम?

बायोडीग्रेडेबल राखी खरीदें

छोटे बच्चों के लिए मिलने वाली राखियों में अकसर प्लास्टिक के खिलौने चिपके होते हैं. कई राखियों में तो मोती भी प्लास्टिक के होते हैं. ऐसी राखियों की बजाय सिंपल रंग-बिरंगे धागों वाली राखियां खरीदिए. इनसे नेचर को किसी तरह का खतरा नहीं है.

सीड्स राखी खरीदें

क्यों न आप अपने भाई की कलाई पर सीड्स राखी बांधें. बाजार में आजकल ऐसी राखियां उपलब्ध हैं, जिसमें बीज लगे होते हैं. यह राखी टूटकर कहीं बिखर भी जाए तो आपके दिल को यह तसल्ली होगी कि आज आपकी बहन की दुआओं से एक नए पौधे न धरती पर जन्म लिया है.

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