बीमारी के कारण काटी महिला की नाक! डॉक्टर्स ने इस तकनीक से दोबारा हाथ पर ही उगा दी

साइनस कैंसर के कारण फ्रांस की रहने वाली 50 साल की एक महिला की नाक को काटना पड़ा. यह महिला अपनी कटी हुई नाक के कारण आठ साल से घर के बाहर नहीं निकली थी. डॉक्टर्स ने उसके हाथ पर एक नई नाक को विकसित किया और उसे महिला के चेहेेरे पर लगा दिया है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

मेडिकल साइंस ने काफी तरक्की कर ली है. किडनी ट्रांसप्लांट, हार्ट ट्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट के बारे में तो आपने काफी सुना होगा जिसमें ऑर्गन खराब होने पर डॉक्टर्स उसकी जगह दूसरा ऑर्गन लगा देते हैं. लेकिन हाल ही में काफी अजीबो-गरीब मामला सामने आया है जिसमें डॉक्टर्स ने एक महिला के हाथ पर ही नाक उगा दी और फिर उसे महिला के चेहरे पर लगा दिया. हालांकि यह मामला मेडिकल साइंस के लिए बड़ा नहीं है लेकिन ऐसे काफी कम ही मामले सामने आते हैं. डॉक्टर्स ने हाथ पर नाक उगाने के लिए एक खास तकनीक का सहारा लिया था, जिस कारण इस प्रोसेस में काफी लंबा समय लगा.

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कहां का है यह मामला?

Dailymail की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला फ्रांस का है. फ्रांस की कैराइन (Carine) को 2013 में साइनस कैंसर हो गया था. इस कारण उन्हें कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी दी गई. उन्हें कैंसर से तो छुटकारा मिल गया लेकिन डॉक्टर्स ने उनकी नाक के कुछ हिस्से को काट दिया था. डॉक्टर्स ने स्किन ग्राफ टेक्नीक से नाक टिश्यूज को रिप्लेस करने की कोशिश की, प्रोस्थेटिक नाक लगाई लेकिन हर कोशिश असफल रही. इसके बाद उन्होंने घर से निकलना बंद कर दिया और पिछले करीब आठ साल से वह घर पर थी. 

3-डी प्रिंटेड बायोमटेरियल टेक्नीक का किया प्रयोग
 
कुछ समय पहले डॉक्टर्स ने डॉ. एग्नेस डुप्रेट-बोरी और डॉ. बेंजामिन वैलेरी ने कैराइन को सजेशन दिया कि वह उसकी नाक को दोबारा विकसित कर सकते हैं. इसके बाद महिला का कैंसर का इलाज कराने से पहले डॉक्टरों ने 3डी-प्रिंटेड बायोमटेरियल टेक्नीक का उपयोग करके एक कस्टमाइज नाक तैयार की. इसके बाद उसे दो महीने तक बर्फ में रखा गया और उसके बाद नाक जब अपने सही आकार में आ गई तो उसे महिला के हाथ के अंदर ट्रांसप्लांट कर दिया गया क्योंकि यहां की त्वचा बहुत पतली होती है. 

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डॉ डुप्रेट-बोरीज के मुताबिक, "महिला ऑपरेशन के लिए काफी उत्सुक थी. नाक के पूरी तरह डेवलप होने के बाद नाक और चेहरे की ब्लड वेसिल्स (रक्त वाहिकाएं) को जोड़ने के लिए माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल किया गया. जो स्किन बदली गई थी, उसके लिए उसकी जांघ की स्किन का प्रयोग किया गया. महिला दस दिन हॉस्पिटल में रही और उसके बाद वह घर चली गई. 

डॉ डुप्रेट-बोरीज ने आगे कहा, "महिला की सफलतापूर्वक दो सर्जरी कर दी गई हैं जिससे नाक उसके चेहरे पर सही तरह से ट्रांसप्लांट कर दी है. महिला बेहतर तरह से सांस ले पा रही है और खुशबू को महसूस कर पा रही है. लेकिन अभी उसे यह महसूस नहीं हो रहा है कि उसके चेहरे पर नाक लग चुकी है. इसके लिए हम कुछ समय बाद एक और सर्जरी करेंगे.

 

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