आजकल लंबे समय तक युवा दिखने के लिए लोग कॉस्मेटिक सर्जरी और इंजेक्शन का सहारा ले रहे हैं. चेहरे पर इंजेक्शन के जरिए त्वचा को खूबसूरत और जवां रखने के लिए 'वैम्पायर फेशियल' भी चलन में है. इस फेशियल से जुड़ा एक डरा देने वाला मामला सामने आया है जिसमें वैम्पायर फेशियल से तीन महिलाओं को एड्स के वायरस, एचआईवी (HIV) का संक्रमण हो गया.
गुरुवार को अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज एंड कंट्रोल (CDC) ने बताया कि महिलाओं को वायरस का संक्रमण संभवत: अमेरिकी राज्य न्यू मैक्सिको के एक स्पा में वैम्पायर फेशियल की वजह से हो गया.
सीडीसी ने बताया कि कॉस्मेटिक इंजेक्शन से एचआईवी संक्रमण का यह पहला ज्ञात मामला है.
एक प्रेस रिलीज में सीडीसी ने कहा, 'कॉस्मेटिक इंजेक्शन से एचआईवी संक्रमण का मामला इससे पहले कभी नहीं देखा गया.'
बिना लाइसेंस वाले स्पा से महिलाओं ने कराया था फेशियल
साल 2018 में एक महिला ने मैक्सिको के बिना लाइसेंस वाले एक स्पा से प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा माइक्रोनीडलिंग प्रक्रिया से फेशियल कराया था जिसके बाद उसे एचआईवी पॉजिटिव पाया गया था. इसके बाद सीडीसी ने न्यू मैक्सिको के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर इस बात की जांच की थी कि कॉस्मेटिक इंजेक्शन से एचआईवी का संक्रमण कैसे हुआ.
सीडीसी ने बताया कि महिला ने इंजेक्शन से न तो कभी ड्रग्स लिया, न ही उसे संक्रमित रक्त चढ़ाया गया और न ही एचआईवी से संक्रमित किसी पार्टनर के साथ संबंध बनाए. उसने वैम्पायर फेशियल कराया जिसके बाद उसका एचआईवी टेस्ट पॉजिटिव पाया गया.
2019 में न्यू मैक्सिको हेल्थ डिपार्टमेंट ने कहा कि एचआईवी संक्रमण अल्बुकर्क के वीआईपी स्पा में वैम्पायर फेशियल लेने की वजह से हुआ है. स्पा को बंद कर दिया गया और हेल्थ डिपार्टमेंट ने कहा कि जिन लोगों ने भी स्पा से फेशियल कराया है, उनका एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी जांच मुफ्त में किया जाएगा.
सीडीसी का कहना है कि 2023 तक पांच एचआईवी मरीजों की पहचान की गई है जिनमें चार महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं. पुरुष चार महिलाओं में से एक का पार्टनर है.
सीडीसी के मुताबिक, दो एचआईवी संक्रमित मरीजों ने कहा कि कॉस्मेटिक इंजेक्शन लेने के पहले ही शायद उन्हें किसी तरह से संक्रमण हो गया था. वहीं तीन मरीजों को यह संक्रमण स्पा से हुआ.
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी का कहना है कि वैम्पायर फेशियल प्रक्रिया में 45 मिनट से लेकर एक घंटे लगते हैं. बढ़ती उम्र के निशान को छिपाने के लिए लोग ये ट्रीटमेंट लेते हैं. इसमें बांह से खून निकालकर इंजेक्शन के जरिए उसे उसी इंसान के चेहरे पर इंजेक्ट किया जाता है.
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