ना लक्षण, ना कोई तकलीफ, ऐसे लोगों को आ सकता है अचानक हार्ट अटैक

अगर दिल की धमनियों में फैट या कोलेस्ट्रॉल जमा हो रहा हो तो धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं. इस कंडीशन को एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं जो आगे चलकर आपको हार्ट अटैक दे सकती है. ज्यादातर मरीजों में इस बीमारी के आखिर तक कोई लक्षण प्रकट नहीं होते हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (PC: Getty) प्रतीकात्मक तस्वीर (PC: Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 6:53 PM IST

देश में पिछले कुछ समय में हार्ट डिसीस और हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं. दिल से जुड़ीं दिक्कतें अब किसी भी खास आयु वर्ग के लोगों तक सीमित नहीं रह गई हैं. डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्‍ट्रॉल जैसी बीमारियां हार्ट डिसीस को न्योता देती हैं. इसके अलावा, एथेरोस्‍क्‍लेरोसिस भी एक ऐसी ही कंडीशन है जो लोगों को अचानक हार्ट अटैक का शिकार बनाती है. इसमें दिल की धमनियों (आर्टरीज) में जकड़न आ जाती है और उनमें ब्‍लड फ्लो कम हो जाता है जो आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बनता है. 

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डेनमार्क में हुई एक रिसर्च में पाया गया है कि अगर आपको एथेरोस्क्लेरोसिस की बीमारी है तो आपको हार्ट अटैक आने का रिस्क आठ गुना अधिक हो सकता है.

एथेरोस्क्लेरोसिस क्यों है खतरनाक

एथेरो यानी फैट और स्क्लेरोसिस यानी जमा होना. अगर दिल की धमनियों में फैट या कोलेस्ट्रॉल जमा होता है तो यह कंडीशन एथेरोस्क्लेरोसिस कहलती है. इसमें धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं और हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ता है. एथेरोस्क्लेरोसिस लीवर में हो तो फैटी लिवर फेलियर और किडनियों में हो तो किडनी फेलियर कहलाता है. लेकिन इस बीमारी की सबसे डराने वाली बात यह है कि इसके लक्षण जल्दी प्रकट नहीं होते हैं और इस वजह से ज्यादातर मरीजों को इस बीमारी की जानकारी ही नहीं हो पाती है. 

डेनमार्क की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के अनुसार, इस कंडीशन में धीरे-धीरे आपकी धमनियों में फैट जमा होता जाता है जिससे वो संकरी हो जाती हैं और फिर उनमें ब्लड फ्लो मुश्किल हो जाता है. 

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बिना दस्तक दिए आती है ये बीमारी

बहुत से लोगों में इस रोग के लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क बढ़ाता है. 

एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया कि बहुत सारे लोगों में एथेरोस्क्लेरोसिस की यह बीमारी कम उम्र में ही जन्म ले लेती है लेकिन लंबे समय तक उनमें कोई लक्षण दिखाई नहीं देते जब तक कि आखिर में उन्हें हार्ट अटैक नहीं आ जाता है. 

शोध में मिले चौंकाने वाले नतीजे

डेनमार्क के कोपेनहेगन में शोधकर्ताओं ने 9,000 से अधिक लोगों का अध्ययन किया था जो 40 या उससे अधिक उम्र के थे. ये लोग किसी भी दिल की बीमारी से पीड़ित नहीं थे जिससे यह पता लगाया जा सके कि इन्हें हार्ट अटैक आ सकता है. 

अध्ययन के लिए उन्होंने कंप्यूटेड टोमोग्राफी एंजियोग्राफी का इस्तेमाल किया था जिसमें उन्होंने उन लोगों के दिल और धमनियों का कंप्लीट एक्स-रे किया. हैरानी की बात थी कि इनमें 46 प्रतिशत लोगों में सबक्लिनिकल कोरोनरी एथेरोस्क्लेरोसिस की कंडीशन पाई गई.

यहां सबक्लिनिकल का मतलब किसी बीमारी में साफ लक्षणों का प्रकट नहीं होना है. 

एक महीने से नौ साल के बीच इन प्रतिभागियों पर हुई रिसर्च में 71 लोगों को हार्ट अटैक आया और उनमें 193 लोगों की मौत हो चुकी थी. 

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शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि ऑब्स्ट्रक्टिव कोरोनरी एथेरोस्क्लेरोसिस वाले लोगों के लिए दिल का दौरा पड़ने का जोखिम आठ गुना से अधिक था.

एथेरोस्क्लेरोसिस से बचने के लिए क्या करें

फैट, कार्बोहाइड्रेट और चीनी वाले खाद्य पदार्थों का सीमित मात्रा में सेवन करें. नियमित रूप से व्यायाम करें. स्वस्थ भोजन करें और वजन को काबू में रखें. डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर काबू में रखें. शराब और स्मोकिंग से बचें. अगर सीने में दर्द, दबाव हो या व्यायाम या चलने-चलते बाहों और पैरों में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
 

 

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