कोरोना महामारी ने जहां पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया, वहीं एकबार फिर से एक नई बीमारी के आने की आशंका जताई जा रही है. इस बार भी इस नई बीमारी की शुरुआत चीन से ही हुई है. चीन के उत्तर पूर्वी इलाके में स्थित लियाओनिंग (Liaoning) प्रांत के बच्चों में इस रहस्यमयी बीमारी निमोनिया के लक्षण जैसे फेफड़ों में सूजन, सांस लेने में दिक्कत के साथ ही खांसी और तेज बुखार दिखाई दे रहे हैं.
बीमारी का प्रकोप इतना ज्यादा है कि सरकार ने यहां स्कूल बंद करने की तैयारी कर ली है. इस बीमारी के लक्षण निमोनिया से मिलते-जुलते हैं लेकिन इसके कुछ लक्षण निमोनिया से बिल्कुल अलग हैं. WHO ने भी इस बीमारी को लेकर चेतावनी जारी की है.
क्या है ये वायरस?
निमोनिया आपके फेफड़ों में बैक्टीरिया, वायरस या कवक के कारण होने वाला एक संक्रमण है. निमोनिया के कारण आपके फेफड़े के ऊतकों में सूजन हो जाती है और आपके फेफड़ों में तरल पदार्थ या मवाद पैदा हो सकता है. इस संक्रमण का सामना बच्चों और बूढ़े लोगों को ज्यादा करना पड़ता है और इससे जान जाने का खतरा भी बना रहता है. निमोनिया के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं. 2022 में आई WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एशियाई और अफ्रीकी देशों में इस संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा है.
चीन में फैली ये बीमारी निमोनिया से क्यों है अलग?
अगर निमोनिया के सामान्य लक्षणों की बात करें तो इसमें बलगम और बिना बलगम के साथ होने वाली खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में दिक्कत होना है. लेकिन अगर चीन में फैले इस रहस्यमयी निमोनिया की बात करें तो इसके लक्षणों में बिना खांसी के तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन शामिल हैं. एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल और एंटीफंगल दवाओं की मदद से निमोनिया का इलाज किया जा सकता है. इस संक्रमण से ठीक होने लिए व्यक्ति को कुछ हफ्तों से लेकर एक महीने का भी समय लग सकता है.
क्या हैं निमोनिया के लक्षण?
इस संक्रमण के लक्षणों का बात की जाए तो इसमें शामिल हैं-
छाती में दर्द
खांसी आना
थकान और बुखार
यह गंभीर संक्रमण पीड़ित के फेफड़ों पर अटैक करता है. यह इतना खतरनाक है कि निमोनिया के शिकार बच्चों को तुरंत ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है.
क्या कहना का WHO का?
WHO ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इस बीमारी के बारे में चीन ने 13 नवंबर 2023 को स्थानी मीडिया को बताया था. स्वास्थ्य एजेंसी ने चीन से इस बीमारी से जुड़े मामलों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए भी कहा है. साथ ही, WHO मे इस बीमारी के बारे में चीन से और अधिक जानकारी देने के लिए भी कहा है.
क्या है WHO की गाइडलाइंस?
चीन में फैल रहे इस खतरनाक निमोनिया वायरस को लेकर WHO ने कुछ गाइडलाइन जारी की हैं. इस गाइडलाइंस में लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है. साथ ही, लोगों से यह भी कहा गया है कि वह साफ-सफाई का खास ध्यान रखें और शरीर में कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क का इस्तेमाल करें.
खतरनाक निमोनिया वायरस का भारत पर असर?
यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि भारत में इस वायरस के फैलने का खतरा काफी कम है. इसके बावजूद मंत्रालय इस स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है. मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, 'चीन से रिपोर्ट किए गए एवियन इन्फ्लूएंजा मामले के साथ-साथ सांस संबंधी बीमारी के समूहों से भारत को कम जोखिम है.' इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत चीन में फैले इस खतरनाक वायरस से उत्पन्न होने वाली किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है.
पेरेंट्स रखें इन बातों का ध्यान
इस खतरनाक निमोनिया वायरस से बच्चों को बचाने के लिए जरूरी है कि माता-पिता बच्चों के खान पान और इम्यूनिटी का खास ख्याल रखें. बच्चों की डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करना भी काफी जरूरी है कि जिससे उनका इम्यून सिस्टम मजबूत हो और वह इस खतरनाक संक्रमण से लड़ सके. इसके अलावा जरूरी है कि घर में साफ-सफाई रखें और बच्चों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से रोकें. जब आपका बच्चा खांसता या छींकता है, तो उसे अपनी नाक और मुंह ढंकना सिखाएं. आपके बच्चे को भी बार-बार हाथ धोना चाहिए. ये उपाय अन्य संक्रमणों को रोकने में भी मदद कर सकते हैं.
क्यों अक्सर एशियाई या अफ्रीकी देशों से फैलते रहे हैं खतरनाक वायरस?
ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन का मानना है कि अधिकतर महामारियां या बीमारियां एशियाई और अफ्रीकी देशों में ही पैदा होती है जिसके बाद यह पूरी दुनिया में फैलती है. इसका एक मुख्य कारण यहां की आबादी है. जिस भी जगह पर आबादी ज्यादा होती है वहां के लोग, जानवरों के सीधे संपर्क में आने लगते हैं. पशुओं और जानवरों में कई तरह के वायरस होते हैं. जब इंसान इन पशुओं और जानवरों के संपर्क में आते हैं तो यह वायरस इंसानों में भी तेजी से फैलने लगते हैं.
इस तरह के मामले चीन से ही क्यों सामने आते हैं?
अगर यह कहा जाए कि किसी भी नई बीमारी या महामारी की शुरुआत चीन से होती है तो यह कहना जरा भी गलत नहीं होगा. कोरोना महामारी इसका जीता-जागता उदाहरण है. चीन को लेकर बीते कुछ सालों में जो रिपोर्ट्स आई हैं उनके मुताबिक, चीन के बाजारों में कच्चा या अधपका मांस भारी मात्रा में बेचा जाता है जिसमें सांप और चमगादड़ भी मिलते हैं.
इसके अलावा बता दें कि सिर्फ चीन ही नहीं, कई एशियाई देशों जैसे थाइलैंड और इंडोनेशिया में भी जिंदा जानवरों को बेचा जाता है. ऐसी जगहों पर जानवरों को एक साथ रखा जाता है जिससे कोई भी वायरस आसानी से दूसरे जानवरों और इंसानों में फैल जाता है.
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