80% भारतीयों को है ये 'अनजानी' समस्या, दूध है आपका मुजरिम, वायरल 'एंग्री' डॉक्टर का शॉकिंग दावा

डॉ. अंशुमन कौशल ने बताया कि भारत में अधिकांश वयस्क लैक्टोज पचाने में असमर्थ हैं, जिससे दूध से गैस, पेट फूलना और थकान जैसी समस्याएं होती हैं। उन्होंने A1 और A2 दूध के बीच के अंतर को समझाया और लैक्टोज-फ्री दूध को बेहतर विकल्प बताया।

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प्लांट बेस्ड मिल्क में लैक्टोज नहीं होता है.(PHOTO:ITG) प्लांट बेस्ड मिल्क में लैक्टोज नहीं होता है.(PHOTO:ITG)

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:40 PM IST

दूध पीना भारतीयों में एक परंपरा की तरह है, जिसे अधिकतर घरों में आज भी फॉलो किया जाता है. भारत में दूध को कम्प्लीट फूड भी माना जाता है और यह लोगों के लिए शक्ति,सेहत और परंपरा का प्रतीक है. सुबह नाश्ते से लेकर रात को सोने से पहले दूध लोग पीते हैं और अक्सर ही आपने सुना होगा कि दूध पीने से ताकत आती है. मगर अब दूध को लेकर डॉक्टर ने नई बहस छेड़ दी है,  दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. अंशुमन कौशल (@theangry_doc) ने इंस्टाग्राम पर अपना एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि ज्यादातर भारतीयों को गैस नहीं बल्कि दूध से समस्या होती है. उनके बयान ने पूरे देश में दूध को लेकर नई चर्चा छेड़ दी है. 

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क्यों दूध हर किसी के लिए अच्छा नहीं?

डॉ. कौशल के मुताबिक, दुनिया भर में लगभग दो-तिहाई वयस्कों का शरीर बचपन के बाद लैक्टोज डाइजेस्ट करने में कमजोर हो जाता है. एशिया में यह संख्या 80–90% तक है.लैक्टोज, दूध में पाया जाने वाला प्राकृतिक शुगर होता है, इसे पचाने के लिए शरीर को लैक्टेज नामक एंजाइम चाहिए, जो उम्र बढ़ने पर कम हो जाता है. 

दूध पीने के बाद महसूस होती हैं ये दिक्कतें

  • पेट फूलना
  • गैस
  • ऐंठन
  • एसिडिटी
  • भारीपन
  • थकान
  • बार-बार पेशाब आना

डॉ. कौशल कहते हैं, 'अक्सर लोग इसे एसिडिटी मानते हैं, लेकिन वो असल में दूध से होने वाली परेशानी होती है'

A1, A2 और कंफ्यूजन का पूरा सच

  • डॉ. कौशल ने दूध के प्रकारों के बारे में भी समझाया, उन्होंने A1, A2 और लैक्टोज-फ्री दूध के बारे में खुलकर बात की.
  • A1 दूध बाजार में मिलने वाला आम गाय का दूध होता है,इसमें एक प्रोटीन BCM7 बनाता है, जो सूजन और पेट की तकलीफ बढ़ा सकता है.
  • A2 मिल्क देसी गाय जैसे गिर, साहिवाल के दूध को कहते हैं.इसमें BCM7 नहीं बनता, लेकिन लैक्टोज वही रहता है, इसलिए लैक्टोज इन्टॉलरेंट लोगों को इससे भी दिक्कत हो सकती है. 
  • लैक्टोज-फ्री दूध में पहले से लैक्टेज एंजाइम मिला होता है, ज्यादातर लोगों को आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है. 
  • बादाम, सोया, ओट जैसे प्लांट-बेस्ड मिल्क में लैक्टोज बिल्कुल नहीं होता है. 
  • भैंस का दूध मोटा और भारी होता है,लैक्टोज की मात्रा गाय जितनी ही होती है.इसलिए इसे पीने से दिक्कत हो सकती है.

डॉ. कौशल सलाह देते हुए कहते है कि आपका शरीर बोल रहा है, यह कहना बंद करें कि मैं ठीक हूं. 

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कैसे पता करें कि आपको दूध से दिक्कत है?

डॉ. कौशल एक आसान टेस्ट बताया, जिसे करके आप यह पता लगा सकते हैं कि आपको दूध से परेशानी है या नहीं. 

  • 2–4 हफ्ते दूध पूरी तरह छोड़ दें.
  • पेट की समस्या, गैस, थकान कम होती है या नहीं देखें.
  • फिर दूध दोबारा लें,अगर लक्षण लौटते हैं तो समस्या लैक्टोज की है.
  • इसके अलावा आप हाइड्रोजन ब्रीथ टेस्ट करवा सकते हैं, जो आमतौर पर अस्पतालों में किया जाता है. 

कैल्शियम की कमी का डर?

डॉक्टर कहते हैं कि सिर्फ दूध ही कैल्शियम का सोर्स नहीं है, कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए दूध के अलावा भी कई चीजें हैं, जिनसे आप आसानी से दूध से भी ज्यादा कैल्शियम हासिल कर सकते हैं.  

  • तिल
  • रागी
  • ब्रोकोली
  • टोफू
  • हरी सब्जियां

क्यों जरूरी है दूध पर दोबारा सोचना?

आजकल युवाओं में पेट की समस्याएं, थकान और क्रॉनिक एसिडिटी बहुत आम हो गई हैं. डॉ. कौशल के मुताबिक, अगर दूध पच नहीं रहा तो यह लंबे समय में गट हेल्थ और इम्यूनिटी को नुकसान पहुंचा सकता है. 

मेडिकल गाइडेंस क्या कहती है?

मायो क्लिनिक के अनुसार, लैक्टोज इन्टॉलरेंस से मौत का खतरा नहीं होता, लेकिन यह रोजमर्रा की आरामदायक जिंदगी खराब कर सकता है.जरूरी है कि लोग अपनी टॉलरेंस को समझें, जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें और खान-पान में संतुलन बनाएं.

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