How To Prevent From Heatstroke: तपती गर्मी से बढ़ा लू का प्रकोप, रहें सतर्क! जानें लक्षण, जोखिम और सावधानियां

How To Prevent From Loo: 25 मई से नौतपा शुरू हो गए हैं. इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं, जिससे तापमान तेजी से बढ़ता है और गर्मी चरम पर पहुंच जाती है. इस आर्टिकल में हम तेज गर्मी, लू से जुड़ी सभी जरूरी बातें आसान भाषा में समझाएंगे, ताकि आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें.

Advertisement
25 मई से नौतपा लग चुके हैं. 25 मई से नौतपा लग चुके हैं.

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:12 AM IST

जैसे-जैसे उत्तर भारत में गर्मी बढ़ती है, एक बहुत तेज और गर्म हवा चलने लगती है जिसे लू कहते हैं. आप भी अभी महसूस कर रहे होंगे कि इस समय  होगा कि दोपहर में बाहर निकलना जैसे किसी भट्टी में जाने जैसा लगता है क्योंकि अभी तपती हुई गर्मी, चमकता हुआ सूरज और गर्म हवा के थपेड़े इंसान को झेलना काफी मुश्किल हो जाता है. अभी देश के कई हिस्सों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर चला गया है इससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.

Advertisement

बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग लू से ज्यादा प्रभावित होते हैं. लेकिन सवाल ये है कि लू होती क्या है? यह सिर्फ उत्तर भारत में ही क्यों चलती है? आप इससे कैसे बच सकते हैं? और अगर लू लग जाए तो क्या करना चाहिए? इस आर्टिकल में हम लू से जुड़ी सभी जरूरी बातें आसान भाषा में समझाएंगे, ताकि आप खुद को और अपने परिवार को इस गर्म हवा से सुरक्षित रख सकें.

क्या है लू और कैसी बनती है?

लू एक बहुत गर्म और सूखी हवा होती है जो गर्मियों में उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में चलती है, खासकर मई और जून में. यह हवा ज्यादातर दोपहर में चलती है जब सूरज बहुत तेज होता है और यह शाम तक चल सकती है.

जब सूरज की तेज धूप जमीन को बहुत गर्म कर देती है तो जमीन के ऊपर की हवा भी गर्म और सूखी हो जाती है. ये गर्म हवा धीरे-धीरे चलने लगती है और इसे ही लू कहा जाता है. राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश जैसे इलाकों में ये लू अक्सर चलती है.

Advertisement

लू के दौरान अधिकतम तापमान कितना होता है?

लू के समय गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. इस दौरान अक्सर टेम्परेचर 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है और कई बार यह 47 से 50 डिग्री सेल्सियस या उससे भी ज्यादा हो सकता है. इतनी तेज गर्मी सिर्फ परेशान करने वाली नहीं होती, बल्कि सेहत के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक भी हो सकती है. इससे लोगों को गर्मी लगना, थकावट या हीटस्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती है. खासकर बच्चों, बुज़ुर्गों और बीमार लोगों को.

भारत में अब तक की सबसे ज्यादा गर्मी का रिकॉर्ड राजस्थान के 'फलौदी' में रहा. 19 मई 2016 को वहां का टेम्परेचर 51 डिग्री सेल्सियस (123.8°F) तक पहुंच गया था. यह अब तक भारत में दर्ज किया गया सबसे ज्यादा टेम्परेचर है, जो यह दिखाता है कि लू कितनी खतरनाक हो सकती है.

इतनी ज्यादा गर्मी आमतौर पर उन इलाकों में होती है जो सूखे और रेगिस्तानी होते हैं. इनमें राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं. इन जगहों पर जमीन जल्दी गर्म हो जाती है क्योंकि वहां पेड़-पौधे कम होते हैं और मिट्टी सूखी होती है. जब तेज धूप पड़ती है और हवा भी सूखी होती है, तब लू जैसी गर्म हवाएं चलने लगती हैं जो मौसम को और भी तपता बना देती हैं.

Advertisement

कौन लोग लू की चपेट में आ सकते हैं?

लू से सभी उम्र के लोग प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन कुछ लोग ज्यादा खतरे में होते हैं.  

छोटे बच्चे और बुजुर्ग: छोटे बच्चों और बुजुर्गों का शरीर कमजोर होता है और वे गर्मी से  जल्दी ही बीमार हो सकते हैं. उन्हें पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) या हीटस्ट्रोक हो सकता है.

बीमार लोग: जिन लोगों को पहले से ही कोई ना कोई बीमारी है उनका लू से पीड़ित होने का खतरा भी ज्यादा होता है. दिल की बीमारी, डायबिटीज या सांस की समस्या से जूझ रहे लोगों को भी लू से ज्यादा नुकसान हो सकता है क्योंकि उनका शरीर गर्मी सहन नहीं कर पाता.

बाहर काम करने वाले: किसान, मजदूर, और वे लोग जो धूप में काम करते हैं, वे ज्यादा समय तक गर्म हवा में रहने से बीमार पड़ सकते हैं.

ज्यादा मेहनत करने वाले: जो लोग बाहर ज्यादा शारीरिक मेहनत करते हैं और पानी नहीं पीते, वे भी लू से प्रभावित हो सकते हैं.

पानी कम पीने वाले: अगर आप गर्मी में खूब पानी नहीं पीते, तो आपकी तबीयत जल्दी खराब हो सकती है.

लू की चपेट से बचने के लिए क्या करें?

लू से बचने के लिए आपको कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखनी चाहिए.  

Advertisement

पानी खूब पिएं:
दिन भर ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं. लू के कारण शरीर से पानी जल्दी निकल जाता है, इसलिए डिहाइड्रेशन हो सकती है. इससे बचने के लिए बार-बार पानी पीना जरूरी है. 

धूप में कम जाएं:
लू दोपहर 11 बजे से शाम 4 बजे तक सबसे तेज चलती है. इस दौरान कोशिश करें कि घर के अंदर रहें या छाया में रहें वहां थोड़ी ठंडक होती है.

हल्के और ढीले कपड़े पहनें:
हल्के रंग के सूती और ढीले कपड़े पहनें ताकि गर्मी कम लगे और पसीना आसानी से सुखाने में मदद मिलती है. काले और टाइट कपड़े पहनने से गर्मी ज्यादा लग सकती है. 

सिर और स्किन की रक्षा करें:
टोपी या छाता लेकर बाहर जाएं ताकि सीधे सूरज की किरणें न लगें. खुले हिस्सों पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं ताकि सनबर्न और गर्मी से बचा जा सके.

हल्का और हेल्दी खाना खाएं:
गर्मियों में फ्राइड, मसालेदार या भारी खाना खाने से बचें. ज्यादा फल, सब्जियां और हल्का खाना खाएं जिससे शरीर में ठंडक बनी रहे.

शारीरिक मेहनत कम करें:
लू के वक्त बाहर ज्यादा मेहनत वाला काम या एक्सरसाइज न करें. अगर बाहर काम करना जरूरी हो तो बीच-बीच में आराम करें और खूब पानी पीते रहें.

घर को ठंडा रखें:
पंखे, कूलर या एसी का इस्तेमाल करें. दिन में खिड़कियां और पर्दे बंद रखें ताकि गर्म हवा अंदर न आए और रात को ठंडी हवा आने दें.

Advertisement

गर्मी के लक्षण पहचानें:
अगर आपको चक्कर आएं, सिर में दर्द हो, कमजोरी लगे, उल्टी आए या पसीना ना आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि ये हीट स्ट्रोक हो सकता है.

ठंडक के लिए गीला कपड़ा लगाएं:
माथा, गर्दन और कलाई पर गीला कपड़ा या स्पंज लगाएं. इससे शरीर जल्दी ठंडा होता है.

अगर लू की चपेट में आ जाएं तो क्या करें?

अगर किसी को लू लग जाए, तो सबसे पहले उसे ठंडी और छायादार जगह पर ले जाएं ताकि उसका शरीर ठंडा हो सके. फिर उसे थोड़ा-थोड़ा ठंडा पानी या ओआरएस (ORS) पिलाएं. बहुत ठंडा पानी, चाय, कॉफी या कोई नशे वाली चीज न दें क्योंकि इससे हालत और बिगड़ सकती है. 

अगर उसने टाइट या भारी कपड़े पहने हों तो उसे ढीले कपड़े पहनाएं ताकि हवा लग सके. एक गीला कपड़ा लेकर उसका माथा, गर्दन, कलाई और बगल साफ करें. चाहें तो पंखे का भी इस्तेमाल करें, लेकिन शरीर पर बर्फ या बहुत ठंडा पानी न लगाएं.

जिस व्यक्ति को लू लगी हो तो उसे आराम करने दें और उस पर ध्यान रखें. अगर उसे चक्कर, उलझन या बेहोशी जैसा कुछ लगे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. जब तक वह पूरी तरह ठीक न हो जाए, तब तक उसे धूप में जाने या मेहनत वाले काम न करने दें.

Advertisement

लू से बचने का सबसे अच्छा तरीका खूब पानी पीना और दोपहर की तेज धूप से बचना है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement