गर्मी में क्यों बढ़ जाती है चक्कर आने-बेहोशी की दिक्कत? जानें इससे कैसे बचें

भीषण गर्मी के दौरान जब तापमान बढ़ने लगता है तो बॉडी इसे बैंलेंस करने में असमर्थ हो जाती है. ऐसे में स्वेटिंग की प्रकिया के दौरान बॉडी फ्लूइड का काफी ज्यादा नुकसान होता है, जिससे आप डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में लोगों में बेहोशी की घटनाएं बढ़ जाती हैं. 

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Heatwave ( Representative image) Heatwave ( Representative image)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 8:00 PM IST

भीषण गर्मी की शुरुआत हो चुकी है. मौसम विभाग ने भी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार और झारखंड में इस हफ्ते हीटवेव का अलर्ट जारी किया है. दक्षिण भारत के लोग भी गर्मी से हलकान हैं. तापमान बढ़ने लगा है, जिसका सीधा असर आपके शरीर पर पड़ रहा है. अधिक गर्मी के चलते आप डिहाइड्रेशन के शिकार हो सकते हैं. साथ ही बढ़ते तापमान की वजह से होने वाले हीटबर्न और हीट स्ट्रोक जैसी दिक्कतों का भी आपको सामना करना पड़ सकता है.

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हीटवेव के दौरान क्यों बढ़ जाती है बेहोशी की घटनाएं

हीटवेव की स्थिति के दौरान लोगों में बेहोशी की घटनाएं बढ़ जाती हैं. दरअसल, बॉडी अपने तापमान को बाहरी टेंपरेचर के आधार पर मेंटेन करता है. जब तापमान बढ़ता है तो बॉडी को ऐसा करने में मुश्किलें आती हैं. ऐसे में इस तरह की घटनाओं में इजाफा होता है.

पुणे के डीपीयू सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के मेडिसिन, फिजिशियन कंसल्टेंट अक्षय धामने के मुताबिक, जब गर्मी बढ़ने लगती है तो शरीर अपने इंटरनल टेंपरेचर को स्थिर रखने की कोशिश करता है. स्वेटिंग (पसीना आना) इसमें सबसे अहम भूमिका निभाता है. स्वेटिंग की प्रकिया के दौरान बॉडी के फ्लूइड का सबसे ज्यादा नुकसान होता है. ऐसे में आप डिहाइड्रेटेड महसूस करने लगते है. परिणाम के तौर पर ऐसी स्थिति में कई बार आप बेहोश भी हो जाते हैं.

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42.3 डिग्री तक का तापमान हैंडल कर सकता है मानव शरीर

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मानव शरीर अधिकतम 42.3 डिग्री तक का तापमान ही सामान्य तरीके से हैंडल कर सकता है. व्यक्ति बहुत ही ज्यादा गर्मी या फिर ठंड दोनों ही में बेहोशी जैसी स्थिति का शिकार हो सकता है. गर्मी में बहुत ज्यादा स्वेटिंग आपको डिहाइड्रेशन का शिकार बनाती है. साथ ही इस दौरान आपकी बॉडी को इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस, ब्रेन तक कम ब्लड फ्लो का सामना करना करना पड़ सकता है, जिसके चलते आप बेहोश तक हो सकते हैं. वहीं, अत्याधिक ठंड में ब्लड वेसेल्स बॉडी में गर्मी बनाए रखने के लिए सिकुड़ जाती हैं, जिससे संभावित रूप से महत्वपूर्ण अंगों तक ब्लड फ्लो कम हो जाता है और आपको बेहोशी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है.

बेहोशी के लक्षण और बचने के उपाय

भीषण गर्मी के चलते बेहोशी की स्थिति आ सकती है. इसके लक्षण आपको पहले ही दिखने शुरू हो जाते हैं. अगर आप अधिक तापमान के चलते घबराहट महसूस करना, सिर में लगातार दर्द होना, लगातार प्यास लगना, एग्जास्ट फील करना बेहोशी के संकेत हो सकते हैं. इन सब स्थितियों से बचने के लिए लूज फिटिंग क्लोथ पहनें, खूब सारा पानी पिएं. बाहर तभी जाएं जब बहुत ज्यादा जरूरत हो. इसके अलावा, इस मौसम में  शराब के सेवन से बचें. ये बॉडी के इंटरनल टेंपरेचर को रेगुलेट करने की क्षमता में कमी करता है और आपको डिहाइड्रेशन का शिकार बना सकता है.

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