कोरोना से चीन में हाहाकार, डॉक्टरों ने कहा- अभी और तबाही आनी बाकी

कोरोना के कारण चीन में हालात खराब होते जा रहे हैं. अचानक कोविड लॉकडाउन हटाने के बाद चीन में एक बार फिर से कोरोना कहर बरपा रहा है. चीन के डॉक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी चरमरा गई है कि हम इसको बयां नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि हमारे पास न ही पर्याप्त एंबुलेंस हैं और न ही बेड. वहीं, नर्सों का कहना है कि अस्पताल के कर्मचारियों को कोविड पॉजिटीव और हल्का बुखार होने के बाद भी उन्हें ड्यूटी पर आने के लिए कहा जाता है.

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सांकेतिक तस्वीर (फोटो- रॉयटर्स) सांकेतिक तस्वीर (फोटो- रॉयटर्स)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST

नए साल से पहले चीन में कोरोना एक बार फिर से कहर बरपा रहा है. तीन साल पहले चीन के शहर वुहान से शुरू हुई कोरोना वायरस की महामारी चीन में फिर से तबाही मचा रही है. चीन में इस लहर का कारण ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट BF.7 है. चीन के कुछ डॉक्टरों ने वहां के भयावह हालात बयां किए हैं. डॉक्टर्स ने बताया कि देश में कोरोना भयानक रूप से फैल रहा है. इमरजेंसी विभाग कोरोना मरीजों से पटा हुआ है और स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है.  

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कोरोना से चीन बेहाल

डॉक्टर ने कहा कि देश में कोरोना भयानक रूप से फैल रहा है. नाम न छापने की शर्त पर अस्पताल के तीन हेल्थ केयर प्रोफेसनल ने स्काई न्यूज को वेंटिलेटर और ऑक्सीजन मशीन से भरे एक वार्ड की तस्वीर दिखाई जिसमें एक भी बेड खाली नहीं था. 

चीन के शिनजयांग प्रांत के उत्तरी शहर के एक डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल का आपातकालीन वार्ड (ईआर) मरीजों से भरा हुआ है. पूरे वार्ड में हर जगह वेंटिलेटर और ऑक्सीजन मशीनें हैं. 

डॉक्टर ने कहा कि बुजुर्गों के लिए तो भर्ती होना भी आसान नहीं हैं. हमारे पास न ही पर्याप्त एंबुलेंस है और न ही मरीजों की तुलना में पर्याप्त बेड. उन्होंने कहा कि पहले जो डॉक्टर और मरीज का अनुपात 1:4 या 1:5 था. अब यह 1:10 हो गया है.

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ऐसी तबाही कभी नहीं देखी

राजधानी बीजिंग के एक अस्पताल में डॉक्टर हॉवर्ड बर्नस्टीन के अनुसार, उन्होंने ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी थी. बर्नस्टीन का कहना है अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि लगभग सभी बुजुर्ग हैं और कोविड और निमोनिया होने के कारण उनकी तबीयत बहुत ही खराब है.

बीजिंग के यूनाइटेड फैमिली अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन में तीस साल से भी ज्यादा समय से डॉक्टर बर्नस्टीन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि कोरोना महामारी के कारण बीजिंग के सरकारी अस्पताल और श्मशान घाट मरीजों से पटा हुआ है. उन्होंने बताया कि अस्पताल ऊपर से नीचे तक भरा हुआ है. यहां तक कि आईसीयू के साथ- साथ इमरजेंसी विभाग, बुखार क्लिनिक और जेनरल वार्ड भी भरा हुआ है.

डॉक्टर हॉवर्ड बर्नस्टीन का कहना है कि अस्पताल आए मरीजों में से ज्यादातर अस्पताल में भर्ती होते हैं. लेकिन वे एक याद दो दिन में ठीक नहीं हो पा रहे हैं. जिसके कारण अस्पताल के बाहर लाइन लगी हुईं हैं. 

बर्नस्टीन ने कहा कि पिछले एक महीने में उसने एक भी COVID मरीज का इलाज नहीं किया था. लेकिन कोविड लॉकडाउन पॉलिसी हटने के बाद से कोविड जैसे टूट पड़ा. उन्होंने कहा कि अगर ईमानदारी से कहें तो मुझे लगता है कि सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हम इसके लिए तैयार नहीं थे.

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बर्नस्टीन के यहां भी मरीजों की बढ़ती संख्या यह दर्शाता है कि अपनी सख्त COVID नीतियों से सरकार के यू टर्न के बाद पूरे चीन में कोरोना बेकाबू है और इससे निपटने के लिए जूझ रहा है. 

चीन में अभी कोरोना लहर से और मचेगी तबाही

एक अन्य डॉक्टर जटार्ड-बौरेउ (Jutard-Bourreau) जो कि बीजिंग के एक निजी अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी हैं. उनके अनुसार, मरीजों की संख्या समान्य स्तर से पांच से छह गुना बढ़ी है और मरीजों की औसत उम्र भी 40 साल से बढ़कर 70 साल पार हो गई है. इनमें से ज्यादातर मरीजों को टीका नहीं लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि वो लोग वैक्सीन की जगह पर दवा लेना चाहते हैं. 

बर्नस्टीन की तरह लगभग एक दशक से चीन में डॉक्टर जटार्ड-बौरेउ ने आशंका जताई है कि बीजिंग में इस लहर का सबसे बुरा दौर आना अभी बाकी है.

चीन के एक अन्य इलाकों के मेडिकल स्टाफ ने बताया कि अस्पताल के कर्मचारियों को भी कोरोना और कमजोरी हो जाने के कारण मेडिकल सुविधाएं चरमरा गई हैं.

पश्चिमी शहर जियान में स्थित अस्पताल की एक नर्स वांग ने बताया कि उसके विभाग की 51 नर्सों में से 45 और आपातकालीन विभाग के सभी कर्मचारियों को पिछले कुछ सप्ताह में कोरोना हो गया है. 22 वर्षीय नर्स वांग ने कहा, मेरे सहयोगियों में से बहुत लोग कोविड पॉजिटीव हैं और लगभग सभी डॉक्टर भी इसकी चपेट में हैं.

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कोरोना पॉजिटीव के बाद भी ड्यूटी 

अन्य अस्पतालों की नर्स और वांग ने बताया कि कोविड पॉजिटीव और हल्का बुखार होने के बाद भी उन्हें ड्यूटी पर आने के लिए कहा गया था.  

चीन के हुबई प्रात के एक अस्पताल में मनोरोग वार्ड में नर्स जियांग ने कहा कि उनके वार्ड में कर्मचारियों की उपस्थिति आधी हो गई है. जिससे नए रोगियों को एडमिट करना बंद कर दिया गया है. उसने कहा कि अपर्याप्त सुविधा के बाद भी वो 16 घंटे से अधिक की शिफ्ट कर रही है.

 

 

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