लिवर (Liver) शरीर का काफी अहम अंग है जो कि काफी महत्वपूर्ण काम करता है. खून से बैक्टीरिया-वायरस को बाहर निकालना, पित्त बनाकर डाइजेशन में मदद करना, एनर्जी के लिए ग्लूकोज स्टोर करना जैसे कई अहम काम लिवर के द्वारा ही संभव हो पाते हैं. इसलिए हमेशा लिवर की सेहत का ख्याल रखना चाहिए.
लिवर का ध्यान रखना इसलिए भी और जरूरी हो जाता है क्योंकि आजकल लिवर और उससे संबंधित बीमारियां जैसे फैटी लिवर और लिवर सिरोसिस काफी कॉमन हो गई हैं. हाल ही में गुजरात के डॉक्टर ने 28 साल के एक लड़के के लिवर की फोटो के जरिए बताया है कि कभी-कभी शराब पीने से भी लिवर कितना खराब हो सकता है.
ओकेजनली ड्रिंकर था लड़का
गुजरात के वडोदरा में रहने वाले प्रिवेंटिव एवं डाइग्नोस्टिक रेडियोलॉजिस्ट डॉ. हर्ष व्यास (Dr Harsh Vyas) ने इंस्टाग्राम वीडियो में बताया है कि एक बूंद शराब भी कैसे आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है. डॉ. हर्ष वीडियो में 28 साल के एक लड़के की अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी (Ultrasound Sonography) दिखा रहे हैं जिसे आमतौर पर सिर्फ अल्ट्रासाउंड भी कहते हैं.
डॉ. हर्ष कहते हैं, 'ये है 28 साल के लड़के का अल्ट्रासाउंड जो ओकेजनल अल्कोहॉल ड्रिंकर है. जो भी कोई मेडिकल बैकग्राउंड से है, उनको ये इमेज देख कर ही पता चल गया होगा कि ये एक ऐसी कैंसरस कंडीशन है जो ठीक नहीं की जा सकती. इसका नाम है सिरोसिस (Cirrhosis).'
'आप देख सकते हैं पेट में पानी भी अधिक भर गया है और दर्द भी काफी अधिक है. उसकी मां मुझसे लगातार पूछ रही थी कि डॉक्टर साहब बेटा ठीक तो हो जाएगा ना? मैं और वो बंदा दोनों समझ गए थे कि मामला हाथ से जा चुका है. पर मैंने उसकी मां को कहा कि ये एक ऐसी कंडिशन है जो सुधर नहीं सकती और इस स्थिति में सिर्फ लिवर ट्रांसप्लांट ही ऑप्शन है.'
'आप में से जो भी कोई शराब पीता है या आप किसी को जानते हो जो शराब पीते हैं, उनको प्लीज ये वीडियो शेयर करिए और मैं उन सबसे जानना चाहता हूं कि मैं उन्हें क्या जवाब दूं?'
'ना करे ऐसा हो लेकिन अगर आप अपने स्पाउस या कोई फैमिली मेंबर या पेरेंट्स के साथ आएं तो हम क्या जवाब दें? मैं ऐसा नहीं कहता की मैं दूध का धुला हूं. मैंने भी सबकुछ ट्राय किया है. गुजराती में एक कहावत है, जाग्या तार्थी सवार यानी जब से आंख खुली तब से सवेरा.'
'दूसरी चीज ये है कि अगर आप रोजाना शराब पीते हो और अभी तक आप सुरक्षित हैं तो आप बहुत लकी हैं. गुजराती में एक दूसरी भी कहावत भी है कि 'झेरना पारखाना'. यानी कि जहर के साथ एक्सपेरिमेंट नहीं होते.'
क्या कहती हैं रिसर्च
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ साइंस में पब्लिश स्टडी के मुताबिक, शराब लिवर को धीरे‑धीरे नुकसान पहुंचाती है जो समय के साथ और गंभीर हो सकता है. सबसे पहले फैटी लिवर, फिर सूजन (हेपेटाइटिस), फिर फाइब्रोसिस और अंत में लिवर सिरोसिस और लिवर फेलियर तक शराब अलग-अलग स्टेज में लिवर को नुकसान पहुंचाती है.
अन्य स्टडी के मुताबिक, शराब (इथेनॉल) का सबसे अधिक ब्रेकडाउन लिवर में होता है और वहां पर लिवर में मौजूद ADH और CYP2E1 एंजाइम उसे पहले एसेटैल्डिहाइड में तोड़ते हैं और फिर एसीटेट में बदलते हैं. एसेटैल्डिहाइड खुद एक टॉक्सिक केमिकल है जो प्रोटीन, डीएनए और फैट से चिपक कर 'एडडक्ट्स' बनाता है और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है. इस मेटाबॉलिज्म से NADH यानी निकोटिनमाइड एडेनिन डाइन्यूक्लियोटाइड (NAD) + हाइड्रोजन (H) बढ़ता है और NAD⁺ यानी निकोटिनमाइड एडेनिन डिन्यूक्लियोटाइड घटने लगता है. इससे फैट मेटाबॉलिज्म बिगड़ने लगता है और लिवर में फैट जमा होने लगता है.
स्टडीज बताती हैं कि शराब पीने से सबसे पहले फैटी लिवर (स्टिएटोसिस) होता है जिसमें लिवर टिश्यूज के अंदर ट्राइग्लिसराइड्स जमा हो जाते हैं. यह स्टेज शराब छोड़ने पर अक्सर रिवर्स हो सकती है. लगातार शराब पीने पर फैटी लिवर के साथ सूजन और कोशिकाएं डैमेज होने लगती हैं जिसे अल्कोहॉलिक स्टिएटोहेपेटाइटिस या अल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस कहा जाता है. लंबे समय तक सूजन और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से स्टार कोशिकाएं एक्टिव होकर कोलेजन जमा करती हैं, जिससे फाइब्रोसिस और आगे चलकर सिरोसिस यानी लिवर का सिकुड़कर कठोर होता है जो कि कैंसर की निशानी होता है.
आजतक लाइफस्टाइल डेस्क