आज दुनिया में हर कोई लंबी उम्र के लिए नए-नए वेलनेस ट्रेंड्स, सप्लीमेंट्स और वायरल हेल्थ टिप्स के पीछे भाग रहा है तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी डेली रूटीन से ही लंबी लाइफ जी रहे हैं. जो 110 साल से ज्यादा जीते हैं, उन्हें सुपरसेंटीनेरियन कहा जाता है. ऐसी ही एक महिला थीं मारिया ब्रान्यास मोरेरा (Maria Branyas Morera) जो जिन्होंने 117 साल लंबी और खुशहाल जिंदगी जी. उनकी लंबी लाइफ पर वैज्ञानिकों ने कई रिसर्च भी कीं.
1907 में जन्मीं मारिया की डेथ अगस्त 2024 में हुई थी. उन्होंने 2 विश्व युद्ध, महामारी और मेडिकल रेवोलूशन देखे हैं लेकिन जो बात वैज्ञानिकों को सबसे अधिक हैरान करती है वो ये थी कि बहुत अधिक उम्र के बावजूद वह लंबे समय तक मेंटली शार्प, सोशल रूप से एक्टिव और उम्र-संबंधी गंभीर बीमारियों से काफी हद तक दूर रहीं. उनकी जीन प्रोफाइल में हार्ट की बीमारी और कॉग्निटिव डिक्लाइन से बचाने वाले कुछ गुण जरूर मिले लेकिन रिसर्चर्स ने साफ कहा सिर्फ जेनेटिक्स ही सब कुछ नहीं होता.
डाइट और ईटिंग हैबिट्स
मारिया पर जब स्टडी की गई तो उनकी एक आदत सामने आई कि वो रोजाना दही खाती थीं. कहा जाता है कि मारिया पिछले 20 सालों से दिन में 3 बार सुबह, दोपहर और शाम सादा दही खाती थीं. ना कोई महंगा सुपरफूड, ना कोई ट्रेंडी हेल्थ प्रोडक्ट, बस साधारण दही.
ये दही उनकी मेडिटेरियन डाइट का हिस्सा था जिसमें सब्ज़ियां, फल, साबुत अनाज और हेल्दी फैट भी शामिल होते थे. वैज्ञानिकों के मुताबिक, नियमितता यहां सबसे बड़ा फैक्टर थी, न कि कोई चमत्कारी बदलाव.
आंतों के अंदर छुपा लंबी उम्र का राज
जब वैज्ञानिकों ने मारिया के गट माइक्रोबायोम का अध्ययन किया तो उन्हें कुछ असाधारण दिखा. उनकी आंतों में बिफिडोबैक्टीरियम (Bifidobacterium) जैसे फायदेमंद बैक्टीरिया बहुत अधिक मात्रा में मौजूद थे जो आमतौर पर उम्र के साथ कम हो जाते हैं. ये बैक्टीरिया पाचन को बेहतर बनाते हैं. इम्यून सिस्टम को मज़बूत करते हैं और शरीर में सूजन को कंट्रोल करते हैं
दही जैसे फर्मेंटेड फूड्स में मौजूद लैक्टोबेसिलस और बिफिडोबैक्टीरियम इन बैक्टीरिया को जिंदा रखते हैं. वैज्ञानिकों ने पाया कि मारिया का गट बैलेंस किसी काफी युवा इंसान जैसा था.
अच्छी लाइफस्टाइल भी जिम्मेदार
मारिया के बारे में कहा जाता है कि सिर्फ दही नहीं उनकी पूरी लाइफस्टाइल भी अच्छी थी इसलिए मारिया की लंबी उम्र का क्रेडिट सिर्फ दही को नहीं दिया जा सकता. वह रोजाना अपनी क्षमता के अनुसार फिजिकल एक्टिविटी करती थीं. वह लोगों से जुड़े रहती थीं और स्मोकिंग और अधिक शराब से दूर रहती थीं.
यही वो पैटर्न है, जिसे दशकों की रिसर्च हेल्दी एजिंग के लिए जिम्मेदार का बेस मानती हैं जिसमें सही खाना, मूवमेंट और सोशल कनेक्शन मिलकर असर दिखाते हैं. लंबी उम्र का सीक्रेट शायद किसी महंगे सप्लीमेंट में नहीं, बल्कि रोज की छोटी-छोटी, सिंपल और लगातार निभाई जाने वाली आदतों में छुपा है.
आजतक लाइफस्टाइल डेस्क