सेहत का नं.1 दुश्मन है रोज खाया जाने वाला 'गेहूं'! आयुर्वेदिक डॉक्टर का दावा, तुरंत छोड़ें

आयुर्वेदिक डॉक्टर डॉ. सलीम जैदी ने अपनी इंस्टाग्राम रील में बताया कि मॉडर्न हाइब्रिड और रिफाइंड गेहूं ब्लोटिंग, एसिडिटी, डायबिटीज और पाचन समस्याओं की बड़ी वजह बन रहा है. उन्होंने लोगों को गेहूं छोड़कर मिलेट्स अपनाने की सलाह दी है.

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डॉ. सलीम जैदी कहते हैं कि गेहूं सीधे आपकी सेहत पर वार करता है.  (Photo: ITG)  डॉ. सलीम जैदी कहते हैं कि गेहूं सीधे आपकी सेहत पर वार करता है. (Photo: ITG)

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:13 AM IST

आप रोज जिस गेहूं को बड़ी शान से रोटी, परांठा, पूड़ी, ब्रेड, पास्ता… न जाने कितनी चीजों में इस्तेमाल करते हैं. अगर कोई ये कह दे कि यही गेहूं आपकी सेहत का नंबर वन दुश्मन है, तो यकीनन कोई भी चौंक जाएगा. आखिर बचपन से लेकर बुढ़ापे तक आप इसे सबसे हेल्दी और सबसे जरूरी मानते आए हैं. लेकिन यूनानी और आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. सलीम जैदी, ने हाल ही में अपनी इंस्टाग्राम रील में ऐसा दावा किया है, जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया. रील में उन्होंने साफ कहा कि आज आप जो गेहूं खाते हैं, वो आपकी हेल्थ को धीरे-धीरे सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है और लोग बिना जाने इसे रोज अपनी प्लेट में भरते जा रहे हैं.

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उनके इस दावे ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है, क्योंकि ये बात सीधे हमारी रोज की खाने की आदतों से जुड़ी हुई है. कई लोगों ने तो कमेंट कर ये भी लिखा कि उन्होंने कभी सोचा ही नहीं था कि गेहूं जैसी आम चीज भी इतनी बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम का कारण बन सकती है.

पुराना देसी गेहूं था पौष्टिक 
डॉ. जैदी बताते हैं कि पहले के समय में मिलने वाला देसी गेहूं फाइबर, मिनरल्स और प्रोटीन से भरपूर होता था. ये पेट साफ रखने के साथ शरीर को पोषण देता था. लेकिन आज का गेहूं हाइब्रिड और रिफाइंड हो चुका है, जिसमें प्रोसेसिंग के दौरान फाइबर, जिंक, मैग्नीशियम और विटामिन सब खत्म हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि मॉडर्न गेहूं सिर्फ एक चीज ज्यादा देता है ब्लड शुगर, जो मोटापा, थकान और डायबिटीज का बड़ा कारण बनता है.

ज्यादा ग्लूटन, दिक्कतें भी ज्यादा
डॉ. जैदी के अनुसार, आज के गेहूं में ग्लूटेन की मात्रा पहले की तुलना में कहीं ज्यादा होती है और यही आपकी कई दिक्कतों की जड़ बन रही है. ज्यादा ग्लूटेन शरीर को सूट नहीं करता, जिसकी वजह से पेट फूलना यानी ब्लोटिंग, एसिडिटी, गैस, पेट में भारीपन और डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं लगातार बढ़ती जाती हैं. उन्होंने बताया कि लोग ये समझ ही नहीं पाते कि रोजाना खाने वाला यही गेहूं धीरे-धीरे इन परेशानियों की सबसे बड़ी वजह बन रहा है.

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गेहूं की जगह खाएं ये अनाज
डॉ. सलीम जैदी का कहना है कि अगर सच में हेल्दी और फिट रहना है, तो सबसे पहला कदम गेहूं का सेवन कम या बंद करना होना चाहिए और उसकी जगह मिलेट्स का आटा अपनाना चाहिए. उनके अनुसार, मिलेट्स डाइजेशन को बेहतर बनाते हैं, ब्लड शुगर को कंट्रोल रखते हैं, वजन घटाने में मदद करते हैं, शरीर में ज्यादा एनर्जी देते हैं और पेट को हल्का महसूस करवाते हैं. डॉ. जैदी का दावा है कि मिलेट्स को अपनी डाइट में शामिल करने के कुछ ही दिनों में लोग अपने शरीर और सेहत में एक अलग लेवल का ट्रांसफॉर्मेशन  महसूस कर सकते हैं.

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