झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सजा पर रोक चाहते हैं मधु कोड़ा, आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला

मधु कोड़ा झारखंड में विधानसभा चुनाव तभी लड़ सकते हैं जब उनकी दोषसिद्धि पर अदालत रोक लगा दे. कोल घोटाले से जुड़े सीबीआई के मामले में निचली अदालत ने मधु कोडा़ को तीन साल की सजा सुनाई थी. साथ ही 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया था.

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झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा. (फाइल फोटो) झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा. (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 7:43 AM IST

सुप्रीम कोर्ट आज झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने कोयला घोटाला मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध किया है. कोड़ा चाहते हैं कि उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाए ताकि वो झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ सकें.

जस्टिस संजीव खन्ना ने उनकी अपील पर कहा कि उन्होंने इस केस की फाइल नहीं पढ़ी है. इसलिए मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेंगे. सीबीआई की पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा से जस्टिस खन्ना ने कहा कि इस कोर्ट ने दोषसिद्धि के निलंबन से निपटने के लिए पहले भी एक फैसला दिया था.

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उस फैसले में कहा गया था कि इसकी सीमा जमानत की सीमा के समान नहीं है. क्या आपको इसकी जानकारी है? चीमा ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. वो जानकारी लेकर अदालत को बताएंगे. इसके बाद मामले की सुनवाई शुक्रवार के लिए टाल दी गई.

यह भी पढ़ें: 'विधानसभा चुनाव लड़ना है, सस्पेंड की जाए सजा,' कोयला घोटाले में दोषी मधु कोड़ा ने खटखटाया दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा

सजा पर रोक लगती है तो तभी लड़ पाएंगे चुनाव

मधु कोड़ा झारखंड में विधानसभा चुनाव तभी लड़ सकते हैं जब उनकी दोषसिद्धि पर अदालत रोक लगा दे. कोल घोटाले से जुड़े सीबीआई के मामले में निचली अदालत ने मधु कोडा़ को तीन साल की सजा सुनाई थी. साथ ही 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मधु कोड़ा की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था.

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निचली अदालत ने 13 दिसंबर, 2017 को कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए के बसु और कोड़ा के करीबी सहयोगी विजय जोशी को भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने और राज्य के राजहरा उत्तर कोयला ब्लॉक को कोलकाता स्थित कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) को आवंटित करने में आपराधिक साजिश रचने के आरोप में तीन साल जेल की सजा सुनाई थी.

इस कानून के तहत नहीं लड़ सकते हैं चुनाव

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत, किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने और कम से कम दो साल की जेल की सजा पाने वाले व्यक्ति को तुरंत सांसद, विधायक या राज्य विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. जेल से रिहा होने के बाद भी व्यक्ति छह साल तक अयोग्य बना रहता है.

यह भी पढ़ें: निर्दलीय MLA होते हुए झारखंड के CM बने थे मधु कोड़ा , इस बार पत्नी को टिकट

आपको बता दें कि झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी.

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