पूर्व सीएम येदियुरप्पा को सुप्रीम कोर्ट से राहत, POSCO मामले की सुनवाई पर फिलहाल रोक

येदियुरप्पा ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. मामला उस आदेश से जुड़ा है, जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट ने POSCO मामले में ट्रायल कोर्ट के निर्देशों को सही ठहराते हुए येदियुरप्पा की याचिका को खारिज कर दिया था.

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CID और याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी होने से कानूनी प्रक्रिया एक बार फिर केंद्रित हो गई है. (File Photo- ITG) CID और याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी होने से कानूनी प्रक्रिया एक बार फिर केंद्रित हो गई है. (File Photo- ITG)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत चल रहे एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा हस्तक्षेप करते हुए ट्रायल पर रोक लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कर्नाटक CID और निजी तौर पर अदालत पहुंचे याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया है.

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कोर्ट ने फिलहाल मामले के गुण-दोष पर विस्तार से टिप्पणी नहीं की, लेकिन यह स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाले पक्षों से जवाब मांगा जा रहा है.

मामला उस आदेश से जुड़ा है, जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट ने POSCO मामले में ट्रायल कोर्ट के निर्देशों को सही ठहराते हुए येदियुरप्पा की याचिका को खारिज कर दिया था. ट्रायल कोर्ट ने CID द्वारा भेजे गए समन को चुनौती देने वाली येदियुरप्पा की अर्जी को सीधे तौर पर अस्वीकार कर दिया था, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने राहत की उम्मीद में कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, हाईकोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली और ट्रायल पर आगे बढ़ने का रास्ता साफ रहा.

येदियुरप्पा ने हाईकोर्ट के इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने संक्षिप्त आदेश में कहा कि वह मामले की मेरिट और कानूनी सवालों पर दोबारा विचार करने के मुद्दे पर नोटिस जारी कर रहा है. अदालत ने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट के आदेश को सीधे निरस्त करने के बजाय वह पहले सभी पक्षों से जवाब प्राप्त करेगी.

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उधर, CID और याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी होने से कानूनी प्रक्रिया एक बार फिर केंद्रित हो गई है. यह मामला राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि येदियुरप्पा कर्नाटक की सियासत में बीते कई वर्षों से एक प्रभावशाली चेहरा रहे हैं.

अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि क्या यह मामला दोबारा हाईकोर्ट को मेरिट के आधार पर विचार के लिए भेजा जाए या सुप्रीम कोर्ट स्वयं हस्तक्षेप कर कोई बड़ा आदेश जारी करे. फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद निचली अदालत में चल रही सुनवाई तब तक स्थगित रहेगी जब तक सर्वोच्च न्यायालय कोई अंतिम निर्णय न ले ले.

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