सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने CJI को लिखा पत्र, भड़काऊ भाषण मामले में स्वत: संज्ञान लेने की मांग

हाल ही में उत्तराखंड में हेट स्पीच के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के 26 वकीलों ने सीजेआई को पत्र लिखा है. पत्र में वकीलों ने कोर्ट से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने की मांग की है. वकीलों ने कहा कि इस तरह के बयान देश की एकता के लिए खतरा हैं.

Advertisement
Court   Court

अनीषा माथुर / देव अंकुर

  • नई दिल्ली/जयपुर,
  • 25 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:11 PM IST
  • दोषियों पर की सख्त कार्रवाई की मांग
  • ऐसे बयान देश की एकता के लिए खतरा हैं

हाल ही में उत्तराखंड में हेट स्पीच के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के 26 वकीलों ने सीजेआई को पत्र लिखा है. पत्र में वकीलों ने कोर्ट से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने की मांग की है. वकीलों ने कहा कि इस तरह के बयान देश की एकता के लिए खतरा हैं.

पत्र में वकीलों ने लिखा है कि भाषण में अभद्र भाषा के साथ विशेष समुदाय की हत्या तक की बात कही गई है. इस प्रकार की स्पीच देश की एकता और अखंडता के लिए एक गंभीर खतरा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने की मांग की गई है. पत्र में कहा गया है कि दोषियों पर धारा 120बी, 121ए, 124ए, 153ए, 153बी, के तहत कार्रवाई की जाए. 26 वकीलों ने यह पत्र लिखा है.

Advertisement

3 दिन की धर्म संसद में दिए गए थे भड़काऊ बयान

उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई तीन दिवसीय धर्म संसद को लेकर विवाद जारी है. धर्म संसद में शामिल लोगों द्वारा विवादित भाषणों का मामला तूल पकड़ चुका है. खुद को धर्मगुरु कहने वाले लोग अनापशनाप बयानबाजी करके देश के संविधान और कानून दोनों को चुनौती देने की बात सामने आई तो वहीं 3 दिन की धर्म संसद में एक धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए गए. मामले पर बवाल मचा हुआ है.

राजस्थान के सीएम बोले: बीजेपी शासित राज्यों में जंगलराज की स्थिति

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उत्तराखंड के हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर को आयोजित एक कार्यक्रम में भड़काऊ व हिंसा के लिए उकसाने वाले भाषणों के वीडियो वायरल होने के बावजूद अभी तक कोई गिरफ्तारी न होना शर्मनाक है. प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठे हैं. हमारे देश में कुछ उपद्रवी तत्व एक समुदाय के लोगों की हत्या करने की बात कहें, लेकिन उनके ऊपर कोई कार्रवाई न हो, इससे लगता है कि बीजेपी शासित राज्यों में जंगलराज की स्थिति बन गई है. 

Advertisement

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारे सभी नागरिकों को भी तय करना होगा कि क्या ऐसे हिंसक व हत्या के लिए उकसाने वाले लोग किसी धर्म के प्रतिनिधि हो सकते हैं? क्या इन उपद्रवियों पर एक्शन लेने से बचने वाली सरकारों को शासन में रहने का कोई हक बचता है? ये देश को किस स्थिति में ले जाना चाहते हैं? सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेकर इन उपद्रवियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement