दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में राकेश अस्थाना की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिका दाखिल कर कहा गया है कि ये नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के ही एक फैसले की अवमानना है.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस याचिका में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, गृह मंत्रालय को पार्टी बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कि कोर्ट प्रतिवादी बनाए गए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री के खिलाफ जानबूझ कर कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई करे.
अपील की गई है कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति रद्द की जाए और साथ ही साथ प्रतिवादियों पर कोर्ट समुचित जुर्माना भी लगाए.
याचिकाकर्ता द्वारा सुप्रीम कोर्ट के तीन जुलाई 2018 के प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार मामले में दिए गए फैसले के हवाले से कहा गया है कि पुलिस प्रमुख की नियुक्ति के लिए आवश्यक है कि उसके रिटायरमेंट में कम से कम तीन महीनों की अवधि बाकी हो. लेकिन अस्थाना तो रिटायर होने से तीन दिन पहले दिल्ली के पुलिस आयुक्त बनाए गए.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रतिवादियों ने जानबूझ कर कोर्ट के आदेश की अपराधिक अवमानना की है.
आपको बता दें कि राकेश अस्थाना पूर्व में बीएसएफ के डीजी, सीबीआई में विभिन्न पदों पर रह चुके हैं. राकेश अस्थाना को अब दिल्ली पुलिस का कमिश्नर नियुक्त किया गया है, उनका कार्यकाल 2022 तक रहेगा.
सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही नहीं बल्कि अदालत के बाहर भी राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति का विरोध किया है, दिल्ली विधानसभा में भी इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया है.
संजय शर्मा