घर बुलाकर पड़ोस की बच्ची का किया था रेप, सिक्योरिटी गार्ड को 10 साल का सश्रम कारावास

जब बच्ची की मां पानी लाने बाहर गई तो आरोपी किसी बहाने से पीड़िता को अपने घर ले गया और फिर उसके साथ रेप की घिनौनी वारदात को अंजाम दिया. पीड़ित मासूम ने बाद में पेट दर्द की शिकायत की और घटना के बारे में अपनी मां को बताया, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया.

Advertisement
(प्रतीकात्मक तस्वीर) (प्रतीकात्मक तस्वीर)

aajtak.in

  • पालघर,
  • 04 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:26 PM IST

Maharashtra News: पालघर जिले की एक अदालत ने 47 साल के शख्स को रेप मामले में 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज संजय कुमार वी खोंगल ने दोषी पर 6 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. वहीं, आदेश दिया कि जुर्माने की राशि वसूलने के बाद पीड़िता को मुआवजे के तौर पर 5 हजार रुपये दिए जाएं. 

Advertisement

विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश पाटिल ने अदालत को बताया कि साल 2016 में सुरक्षा गार्ड ने 7 साल की बच्ची का रेप किया था. आरोपी और पीड़िता एक ही इलाके में रहते थे. पीड़िता के पिता भी सुरक्षा गार्ड का काम करते थे. 

दरअसल, 3 फरवरी 2016 को जब बच्ची की मां पानी लाने बाहर गई तो आरोपी किसी बहाने से पीड़िता को अपने घर ले गया और फिर उसके साथ रेप की घिनौनी वारदात को अंजाम दिया. जब लड़की की मां वापस लौटी तो उसने अपनी बेटी को आरोपी के घर पर पाया.

अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि लड़की ने बाद में पेट दर्द की शिकायत की और घटना के बारे में अपनी मां को बताया, जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.

Advertisement

इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि पीड़ित पक्ष ने संदेह से परे आरोपी के खिलाफ सभी आरोप साबित कर दिए हैं. अब आरोपी दोषी ठहराए जाने और सजा दिए जाने की जरूरत है. इसके बाद दोषी को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई और उस पर 6 हजार रुपए का जुर्माना ठोका गया. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से पीड़िता को मुआवजा देने और उसका पुनर्वास करने के लिए भी कहा.

जज ने अपने आदेश में कहा, पीड़िता एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है. उसके साथ जो कुछ हुआ, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती है, लेकिन फिर मुआवजा कम से कम कुछ सांत्वना जरूर देगा. पीड़िता और उसके परिवार ने बहुत कुछ झेला है. इसलिए अदालत का मत है कि पीड़िता को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से मुआवजा दिया जाना चाहिए. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement