'सिसोदिया की बेल केजरीवाल के लिए बनी उम्मीद', जानिए क्यों ऐसा बोले सुप्रीम कोर्ट के वकील

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वक्त आ गया है कि निचली अदालतें और हाईकोर्ट इस बात को समझें कि जमानत नियम है और जेल अपवाद. पीठ ने सिसोदिया को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानतों पर रिहा किए जाने का निर्देश दिया.

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अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को जमानत दी और कहा कि वह 17 माह से हिरासत में हैं. इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी के नेता केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं औऱ साथ ही इस बेल को अरविंद केजरीवाल के लिए एक उम्मीद के रूप में देख रहे हैं.

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जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सिसोदिया 17 माह से हिरासत में हैं और अभी तक मामले की सुनवाई शुरू नहीं हुई है जिससे वह शीघ्र सुनवाई के अधिकार से वंचित हुए हैं. कोर्ट ने हाईकोर्ट और निचली कोर्ट की न्यायिक समझ पर भी सवाल उठाए हैं.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी ने कहा कि ये ट्रायल पूरा हो जाएगा, ऐसा दिख नहीं रहा है.

कोर्ट ने कहा, 'बेल एक रूल है दो दी जानी चाहिए, बेल एकसेप्सन है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्यों नहीं हमारी ट्रायल और हाईकोर्ट एक स्ट्रेंथ दिखा रही है? बेल के मामले में ये लग रहा है कि ट्रायल पूरा नहीं होगा, ये व्यक्ति सामाजिक जीवन से जुड़ा हुआ है जो भाग नहीं सकता है जो एविडेंस टेंपर नहीं कर सकता है, तो फिर इसमें इनको बेल देने में क्या दिक्कत थी.'

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केजरीवाल के लिए भी आसान होगी राह?

जब आजतक ने मनीष सिसोदिया के वकील विवेक जैन से सवाल किया कि इस आदेश से अरविंद केजरीवाल की जमानत पर कितना असर पड़ेगा? तो उन्होंने कहा, 'बिल्कुल अरविंद केजरीवाल की जमानत पर भी फर्क पड़ेगा और ऑर्डर की जो ऑब्जर्वेशन हैं वो काफी मदद करेगा. केजरीवाल की तो केवल सीबीआई वाले मामले में बेल है और उसमें तो पीएमएलए वाला प्रोविजन भी नहीं है. वह इसी से मिलता-जुलता मामला है तो निश्चित तौर पर मदद करेगा. हम याचिका फाइल करेंगे और ऐसा लगता है कि उनको भी सीबीआई मैटर में जल्द ही रेगुलर बेल मिल जाएगी.'

दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा, 'ये सत्य की जीत है. मनीष सिसोदिया को एक झूठे मामले में फंसाया गया. उन्होंने दिल्ली के बच्चों को शानदार भविष्य दिया. आज हमें मनीष सिसोदिया को ज़मानत मिलने पर हमें खुशी है. जल्द ही समय आएगी जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी बाहर आएंगे.'

इन शर्तों पर मिली है जमानत
मनीष सिसोदिया को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो समाज के सम्मानित व्यक्ति हैं और उनके भागने की आशंका भी नहीं है. साथ ही ये भी कहा कि इस मामले में ज्यादातर सबूत भी जुटाए जा चुके हैं, इसलिए उनके साथ छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं है. हालांकि, गवाहों को प्रभावित करने या डराने के मामले में उनपर शर्तें लगाई जा सकती हैं.सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 10 लाख के मुचलके पर जमानत दी है. साथ ही दो बड़ी शर्तें भी लगाई हैं. पहली शर्त ये है कि उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा. और दूसरी शर्त ये कि उन्हें हर सोमवार और गुरुवार को थाने में जाकर हाजिरी लगानी होगी.

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फिलहाल कोर्ट का सिसोदिया को बेल देने का फैसला एक ऐसी चाबी साबित हो सकता है जिससे केजरीवाल के भी जमानत के दरवाजे खुल सकते हैं. ये फैसला सिसोदिया के लिए तो राहतों भरा फैसला है ही, इसके अलावा आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के लिए भी भविष्यन्मोखी है.

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