पारिवारिक संपत्ति (Lalit modi family property) विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने ललित मोदी, उनकी मां बीना मोदी और उनके भाई और बहन के बीच चल रहे संपत्ति विवाद को भारत में ही मध्यस्थता कर सुलझाने की पेशकश की है. सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि सिंगापुर की बजाए भारत में ही मध्यस्थता कर विवाद को सुलझाया जाए.
दरअसल, ललित मोदी ने परिवार में संपत्ति विवाद को लेकर सिंगापुर में मध्यस्थता की कार्यवाही शुरू की थी. इसका ललित मोदी की मां बीना मोदी, उनकी बहन चारू और भाई समीरस ने विरोध किया था. उन्होंने कार्यवाही को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक वाद भी दायर किया था.
भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमणा, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने व्यवसायी उद्योगपति ललित मोदी की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आप सब एक परिवार के सदस्य हैं. परिवार के सदस्य होने के नाते आप सभी भारत में ही मध्यस्थता के लिए सहमत हो सकते हैं.
कोर्ट ने जोर देकर कहा कि ये सिर्फ एक सुझाव है और पक्ष चाहे तो कोई दूसरा विकल्प भी सोच सकता है. कोर्ट की तरफ से कोई दबाव नहीं रहने वाला है.
कोर्ट के इस सुझाव के बाद दोनों पक्षों के वकील हरीश साल्वे और कपिल सिब्बल मध्यस्थता के लिए स्थान पर फैसला करने के लिए तैयार हो गए. पीठ अगले 13 दिसंबर को मामले की सुनवाई करेगी.
दरअसल, हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र का शुभारंभ पिछले हफ्ते CJI रमणा ने ही किया था. ललित मोदी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें उनकी मां और भाई-बहनों द्वारा उनके खिलाफ दायर मध्यस्थता निषेधाज्ञा सूट को बरकरार रखा गया था.
संजय शर्मा