दिल्ली शराब नीति घोटाले में आरोपी और आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली की जमानत को चुनौती देने के मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई. दोनों की जमानत के खिलाफ CBI ने याचिका दाखिल की थी, लेकिन सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपियों की जमानत पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
दिल्ली हाईकोर्ट ने CBI की याचिका पर दोनों आरोपियों को नोटिस जारी किया. इस मामले में अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी. कोर्ट ने कहा दोनों आरोपी अभी ED की हिरासत में हैं. इसलिए अपना जमानत मुचलका दाखिल नहीं कर पाए हैं. CBI ने कहा कि दोनों आरोपियों ने अभी तक बेल बांड नहीं भरा है, मामले में जांच एजेंसी दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट जल्द दाखिल करेगी.
CBI ने कहा कि दक्षिण भारत से दिल्ली 30 करोड़ कैश आया, जो प्रभावशाली लोगों को दिया गया. जांच अभी बेहद संवेदनशील मोड़ पर है. CBI ने दिल्ली हाई कोर्ट से निचली अदालत के जमानत के फैसले पर रोक लगाने की मांग की. CBI ने कोर्ट को बताया कि दोनों आरोपी अभी ED की कस्टडी में हैं.
घोटाले के मुख्य किरदार कौन?
दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने अगस्त में FIR दर्ज की थी. इस मामले में मनीष सिसोदिया, तीन पूर्व सरकारी अफसर, 9 कारोबारी और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई ने आरोपियों पर आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. इनमें तीन पूर्व सरकारी अफसर एजी कृष्णा (पूर्व एक्साइज कमिश्नर), आनंद तिवारी (पूर्व डिप्टी एक्साइज कमिश्नर) और पंकज भटनागर (पूर्व असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर) शामिल हैं.
इसके अलावा अमित अरोड़ा (बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर), दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे को भी आरोपी बनाया गया है. इन तीनों को सिसोदिया का करीबी माना जाता है. आरोप है कि तीनों ने आरोपी सरकारी अफसरों की मदद से शराब कारोबारियों से पैसा इकट्ठा किया और उसे दूसरी जगह डायवर्ट किया.
संजय शर्मा