सीबीआई ने 647 दिन बाद की अपील, सुप्रीम कोर्ट की हिदायत- आइंदा न हो देरी

सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक एजेंसी अब यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक और पर्याप्त निगरानी तंत्र स्थापित करेगी कि अपील बिना देरी के दायर की जाए.

Advertisement
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST
  • कोर्ट ने कहा- कोरोना के कारण देरी की बात स्वीकार नहीं
  • सीबीआई निदेशक को दिए प्रशासनिक कदम उठाने के निर्देश

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से अपील दाखिल करने में हुई देर पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. जांच एजेंसी को नसीहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के निदेशक से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आइंदा अपील दायर करने में देरी न हो. सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक एजेंसी अब यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक और पर्याप्त निगरानी तंत्र स्थापित करेगी कि अपील बिना देरी के दायर की जाए.

Advertisement

दरअसल, नवंबर 2018 में रायपुर में सीबीआई के विशेष जज ने एक मामले में आरोपी को आईपीसी की धारा 467, 468 और 120 बी और 32/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराया और तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 26 जून 2019 को यह फैसला उलट दिया. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आरोपी को इन मामलों में बरी कर दिया.

सीबीआई ने लापरवाही बरतते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने में 647 दिन की देरी कर दी. इस  देरी के लिए माफी के आवेदन में कोरोना और लॉकडाउन का कारण बताया गया. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि कोरोना के कारण देरी की बात स्वीकार नहीं है. ये निर्णय मार्च 2020 में महामारी की शुरुआत से बहुत पहले का था.

सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सीबीआई से कहा कि हमारा विचार है कि सीबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए कि भविष्य में इस प्रकार की देरी न हो. सीबीआई की ओर से हुई देरी के कारणों पर गंभीर संदेह पैदा करने के लिए एजेंसी उत्तरदायी है. कोर्ट ने कहा कि हम सीबीआई निदेशक को आईसीटी प्लेटफॉर्म पर अपील दायर करने की निगरानी के लिए आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाने का निर्देश देते हैं ताकि देरी न हो.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement