आतंकी के साथ 11 घंटे तक चली मुठभेड़ की कामयाबी में 11 घंटे बीतने से पहले विवाद पैदा हो गया. देश में आईएस के आतंकी को पहले हमले के बाद ही नेस्तानूद कर देने के दावे में आतंकी को लेकर सबूत नहीं मिल पाएं.
जिस आईएस के झंडे और किताबों को लेकर सैफुल्ला को आईएस का आतंकी ठहराया जा रहा था. उसके बगदादी के संगठन के रिश्ते का कोई सबूत ही नहीं मिला. जबकि ऑपरेशन खत्म होने के तुरंत बाद यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण ने दावा किया था कि सैफुल्ला आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल का सक्रिय सदस्य है.