अयोध्या में राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से एक बार फिर बहस ताजा हो गई है. मंगलवार को कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि दोनों पक्ष आपसी सहमति और बातचीत के जरिए को मुद्दे को हल करें और जरुरत पड़ने पर कोर्ट भी मध्यस्थता के लिए तैयार है. बीजेपी समेत कई राजनीतिक दलों के कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत किया है.
राम मंदिर मामले पर कुछ राजनीतिक दलों का कहना है कि ये विवाद आपसी बातचीत से ही सुलझ जाता तो कोर्ट में जाने की जरुरत ही नहीं पड़ती. राम मंदिर पर अयोध्या का संत समाज और वहां के स्थानीय निवासियों का भी कहना है कि बातचीत की सलाह अहम है लेकिन उसके बाद भी मामला नहीं सुलझने पर सरकार कानून के जरिए राम मंदिर का निर्माण कराए.