उत्तराखंड: पुलिसकर्मियों को डीजीपी ने दिया न्यू ईयर गिफ्ट, 1 जनवरी से मिलेगा 'साप्ताहिक विश्राम'

राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि पुलिसकर्मियों के मनोबल एवं कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए प्रथम चरण में परीक्षण के तौर पर 1 जनवरी 2021 से 09 पर्वतीय जनपदों में थाना/चौकी/पुलिस लाइन में नियुक्त मुख्य आरक्षी एवं आरक्षियों को साप्ताहिक विश्राम की सुविधा उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया है.

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उत्तराखंड के डीजीपी ने जारी किए निर्देश उत्तराखंड के डीजीपी ने जारी किए निर्देश
  • उत्तराखंड के पुलिसकर्मियों को मिला नए साल का बड़ा तोहफा
  • 1 जनवरी से पुलिसकर्मियों को मिलने लगेगा साप्ताहिक विश्राम
  • डीजीपी अशोक कुमार ने साप्ताहिक विश्राम देने के निर्देश दिए

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में कार्यरत पुलिसकर्मियों को नए साल का बड़ा तोहफा दिया है. एक जनवरी से पहाड़ी जिलों में कार्यरत पुलिसकर्मियों को एक दिन का साप्ताहिक अवकाश मिलने लगेगा. आईपीएस अशोक कुमार ने जनपद पौड़ी गढ़वाल, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर एवं चंपावत में नियुक्त पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक विश्राम देने करने के निर्देश जारी किए हैं.

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राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि पुलिसकर्मियों के मनोबल एवं कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए प्रथम चरण में परीक्षण के तौर पर 1 जनवरी 2021 से 09 पर्वतीय जनपदों में थाना/चौकी/पुलिस लाइन में नियुक्त मुख्य आरक्षी एवं आरक्षियों को साप्ताहिक विश्राम की सुविधा उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया है.

गौरतलब है कि साप्ताहिक विश्राम के दौरान पुलिसकर्मी नियुक्ति मुख्यालय नहीं छोड़ेगा और वह रिजर्व ड्यूटी पर समझा जाएगा. विशेष परिस्थिति में जैसे- आपदा, दुर्घटना एवं कानून-व्यवस्था की स्थिति में यदि ड्यूटी पूरी नहीं हो पा रही है, तो साप्ताहिक विश्राम पर गये कर्मी को थाना प्रभारी द्वारा वापस बुलाया जा सकता है.

बता दें कि पहले चरण में पहाड़ी जिलों में यह व्यवस्था शुरू की जा रही है. उसके बाद इसे दूसरे चरण में मैदानी जिलों में भी लागू करने पर विचार चल रहा है. प्रदेश में कोविड-19 के साथ महाकुंभ का भी आयोजन होना है. ऐसे में फिलहाल मैदानी जिलों में इस व्यवस्था को लागू नहीं किया गया है, लेकिन इसके बाद दूसरे चरण में मैदानी जिलों को भी इसमें जोड़ने पर विचार हो रहा है.

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उत्तराखंड पुलिस को हाईटेक और सुविधा संपन्न बनाने के लिए डीजीपी अशोक कुमार ने ऐसे कई प्रस्तावों को मंजूरी दिलाने में कामयाबी हासिल की है, जिन पर सालों से अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया था.

उत्तराखंड पुलिस को  स्मार्ट (S-Sensitive & Strict, M-Modern with Mobility, A-Alert & Accountable, R- Reliable & Responsive, T-Trained & Techno-Savvy) पुलिस बनाने की दिशा में राज्य के डीजीपी अशोक कुमार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में पुलिस मुख्यालय स्तर पर 09 समितियों का गठन किया गया है. समितियों द्वारा कानून/शांति व्यवस्था, ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने, ड्रग्स, साइबर अपराध से निपटने के साथ-साथ पुलिस वेलफेयर और पुलिस आधुनिकरण के संबंध में कार्ययोजना तैयार की गई है.

पुलिस की मोबिलिटी में गुणात्मक परिवर्तन किया जाएगा, जिससे किसी भी घटना में पुलिस का रिस्पॉन्स टाइम बेहतर हो. इसके लिए सिटी पेट्रोल एवं हाइवे पेट्रोल कार की संख्या में 100 स्कॉर्पियो वाहनों की वृद्धि की जाएगी. पीएसी के वाहन, जो जर्जर हालत में हैं उन्हें हटाकर नए वाहन लिए जाएंगे. वाहनों को पहाड़ों के अनुरूप मॉडिफाई कर उन्हें स्मार्ट लुक दिया जाएगा.

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इसके अलावा स्मार्ट यूनिफॉर्म की दिशा में भी कार्य किया जाएगा. पीएसी की कॉम्बैट यूनिफार्म पर भी कार्य होगा. ई- बीटा बुक सिस्टम लागू किया जाएगा. ट्रैफिक आई ऐप को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे सड़क पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की सूचना आम जन पुलिस को दे सके. इसके साथ ही इसी ऐप की तर्ज पर एक पब्लिक आई ऐप बनाया जाएगा, जिससे लोग किसी भी अपराध, ड्रग्स आदि से संबंधित कोई भी सूचना पुलिस तक पहुंचा सकें.

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सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की मदद करने वालों के लिए पुरस्कार योजना बनाई जाएगी, जिसमें पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड द्वारा 01 लाख तक का इनाम दिया जाएगा. पर्यटन पुलिस के नए स्वरूप और प्रशिक्षण पर कार्य कर उसे और अधिक स्मार्ट और जन उपयोगी बनाया जाएगा. पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड की ओर से पुलिसकर्मियों हेतु पुरस्कार राशि को 20 हजार से बढ़ाकर 01 लाख रुपये किया जाएगा.

सिटी पुलिस को शॉर्ट रेंज वैपन्स दिये जाएंगे. पीएसी एवं आर्म्ड पुलिस में लॉन्ग रेंज वैपन्स में इनसास को लाने का प्रयास किया जाएगा. फायर सर्विस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व शुरू किया जाएगा. थाने के रिकॉर्डस का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा.

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि अच्छी पुलिस व्यवस्था वही है, जो लोगों के सहयोग से लोगों के साथ मिलकर की जाए. हमारा प्रयास रहेगा कि आम जन को एक अच्छी पुलिस व्यवस्था दी जाए. उत्तराखंड पुलिस को स्मार्ट बनाना एवं पुलिस की दक्षता को बढ़ाना हमारी प्राथमिकता में है. पुलिस व्यवस्था ऐसी की जाएगी कि बदमाशों में पुलिस का खौफ होगा और आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ेगा. थानों को महिलाओं के लिए सुविधाजनक बनाया जाएगा, जिससे उन्हें थाने पर जाने में झिझक महसूस न हो.

 

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