उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के बिनसर वन्यजीव अभ्यारण्य में लगी आग में चार लोगों की मौत के बाद ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में दो वन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "यह कार्रवाई भविष्य में अधिकारियों के लिए एक चेतावनी भी है, क्योंकि हम लंबे समय से उच्च अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं कि वे खुद जमीन पर जाकर स्थिति का जायजा लें और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें."
पीटीआई के मुताबिक जारी आदेश के मुताबिक, बिनसर जंगल में लगी आग की घटना में लापरवाही बरतने के आरोप में अल्मोड़ा के उत्तरी कुमाऊं वृत्त की वन संरक्षक कोको रोज और सिविल सोयम वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी ध्रुव सिंह मार्तोलिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. कुमाऊं के मुख्य वन संरक्षक पी के पात्रो को तत्काल प्रभाव से देहरादून में उत्तराखंड के मुख्य वन संरक्षक (एचओएफ) कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है.
बता दें कि गुरुवार को बिनसर वन्यजीव अभ्यारण्य में आग लग गई थी. इसके बाद आग बुझाने के लिए आठ वनकर्मियों को भेजा गया था. हालांकि, एक अधिकारी ने पहले बताया था कि जैसे ही टीम अपने वाहन से उतरी, तेज हवाओं के कारण आग बढ़ गई और चार श्रमिक जलकर मर गए. उन्होंने बताया कि वाहन में भी आग लग गई और वह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. इस बीच, घटना में चार अन्य श्रमिक भी घायल हो गए, जिन्हें हलवानी के सुशीला तिवारी बेस अस्पताल ले जाया गया. अधिकारियों ने बताया कि उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया. घायलों की पहचान फायर वॉचर कृष्ण कुमार (21), प्रांतीय सशस्त्र बल के जवान कुंदन सिंह नेगी (44), दिहाड़ी मजदूर कैलाश भट्ट (54) और ड्राइवर भगवत सिंह भोज (38) के रूप में हुई है.
मुख्यमंत्री ने घटना को 'बेहद हृदय विदारक' बताते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार दुख की इस घड़ी में वन श्रमिकों के परिवारों के साथ खड़ी है. उन्होंने प्रत्येक मृतक वन श्रमिक के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. उधर, वन अधिकारियों ने बताया कि वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (इंडिया) ने भी मृतकों के परिजनों को तीन-तीन लाख रुपये देने की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि सेना के हेलीकॉप्टरों, वन कर्मियों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की मदद से वन्यजीव क्षेत्र में जंगल की आग पर काबू पाने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं.
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