बद्रीनाथ धाम में दिवाली का भव्य उत्सव, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब, भक्तों ने सजाई आस्था की लहरें

बद्रीनाथ धाम में इस दिवाली को विशेष धूमधाम से मनाने की तैयारी की जा रही है. मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा और माता लक्ष्मी, कुबेर जी एवं भगवान बद्री विशाल की पूजा अर्चना की जाएगी. धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी. स्थानीय लोग और श्रद्धालु मंदिर परिसर में दीप जलाकर इस त्योहार को मनाएंगे.

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दिवाली की रौनक ने भक्तों को मंत्रमुग्ध किया.(Photo: Kamal Nayan Silori/ITG)   दिवाली की रौनक ने भक्तों को मंत्रमुग्ध किया.(Photo: Kamal Nayan Silori/ITG)

कमल नयन सिलोड़ी

  • चमोली,
  • 19 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:38 PM IST

हिमालय की गोद में स्थित बद्रीनाथ मंदिर में इस बार दिवाली का पर्व अपार भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. मंदिर को रंग-बिरंगी गेंदे के फूलों, दीपों और रोशन सजावट से सजाया गया है, जिससे पूरा धाम जगमगा उठा है. मंदिर का मनमोहक श्रृंगार और चारों ओर फैली भक्ति की सुगंध श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रही है.

देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान बद्री विशाल के दर्शन के लिए यहां पहुंचे हैं. हल्की ठंड और बर्फीली हवाओं के बीच भी श्रद्धालुओं का जोश और भक्ति में कोई कमी नहीं देखी गई. छोटी दिवाली के पावन अवसर पर मंदिर परिसर में फूलों की सजावट ने आध्यात्मिक वातावरण को और भी दिव्य बना दिया है.

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श्रद्धालु अपने अनुभव साझा करते हुए कहते हैं कि इस बार की बद्रीनाथ यात्रा उनके जीवन का सबसे स्मरणीय पल बन गई है. दिवाली के अवसर पर जब देशभर में दीप जलाए जा रहे हैं, श्रद्धालु भगवान बद्री विशाल और मां लक्ष्मी के सान्निध्य में खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं. मंदिर परिसर की भव्य सजावट, दीपों की रौशनी और शांत, आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं को ऐसा अनुभव करा रहा है, मानो वे स्वर्ग में हों.

अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा और व्यवस्थाओं को और कड़ा किया गया है. बद्रीनाथ धाम की यह भव्य दिवाली न केवल भक्ति का प्रतीक बन रही है, बल्कि श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभूति का अद्भुत अवसर भी प्रदान कर रही है. इस बार का उत्सव स्थानीय प्रशासन और मंदिर प्रबंधन द्वारा विशेष रूप से सुव्यवस्थित रूप में आयोजित किया गया है, ताकि हर भक्त दिवाली की पावन महिमा का अनुभव कर सके.

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