Dehradun: रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया तो पटवारी ने निगल लिए 500-500 के नोट, सीटी स्कैन कराने ले गई विजिलेंस टीम, फिर...

देहरादून से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां विजिलेंस टीम ने जब पटवारी को 2 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा तो वह फुर्ती दिखाते हुए 500-500 के चारों नोट ही खा गया. ऐसे में विजिलेंस टीम CT स्कैन करवाने उसे अस्पताल लेकर पहुंची, ताकि सबूत मिल सके. लेकिन CT स्कैन रिपोर्ट में पेट में नोट नहीं दिखे.

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विजिलेंस टीम की गिरफ्त में आरोपी पटवारी विजिलेंस टीम की गिरफ्त में आरोपी पटवारी

अंकित शर्मा

  • देहरादून ,
  • 29 मई 2025,
  • अपडेटेड 12:31 PM IST

उत्तराखंड के देहरादून से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां विजिलेंस टीम ने जब पटवारी को 2 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा तो वह फुर्ती दिखाते हुए 500-500 के चारों नोट ही खा गया. ऐसे में विजिलेंस टीम CT स्कैन करवाने उसे अस्पताल लेकर पहुंची, ताकि सबूत मिल सके. लेकिन CT स्कैन रिपोर्ट में पेट में नोट नहीं दिखे. इस तरह सबूत के अभाव में आरोपी पटवारी को छोड़ दिया गया. फिलहाल, ये मामला इलाके में चर्चा का विषय है. 

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आपको बता दें कि पूरा मामला देहरादून के कालसी तहसील का है, जहां एक पटवारी को रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस की टीम ने पकड़ा था. लेकिन खुद को फंसता देख पटवारी ने 500-500 के चार नोटों को अपने मुंह में रखा और चबा-चबा कर उन्हें निगल गया. पटवारी ने इतनी तेजी से ये काम किया कि विजिलेंस टीम देखती रह गई. 

आरोपी पटवारी का नाम गुलशन हैदर है. बताया जा रहा है कि उसे रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था. उसके पास से 500-500 के नोट भी बरामद हुए थे. लेकिन गिरफ्तारी के दौरान पटवारी चालाकी दिखाते हुए 500-500 रुपये के चारों नोट निगल गया. हालांकि, विजिलेंस अधिकारी उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे, ताकि मेडिकल जांच में निगले गए नोटों की पुष्टि हो सके. 

मगर अस्पताल में मौजूद सीटी स्कैन मशीन नोटों का कोई स्पष्ट संकेत नहीं दे सकी. मशीन यह पहचान नहीं कर पाई कि नोट पेट के अंदर हैं या नहीं. ऐसे में साक्ष्य के अभाव में विजिलेंस को मजबूरी में पटवारी को छोड़ना पड़ा. फिलहाल, गुलशन हैदर उसी पद पर कार्यरत है, जिसपर रहते हुए उसपर रिश्वत लेने के आरोप लगे थे. 

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वहीं, इस पूरे मामले में विजिलेंस निदेशक डॉ. वी मुरुगेशन का कहना है कि अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है. विजिलेंस के पास और भी सबूत हैं. आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर रिमांड पर लिया गया है. 

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