उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ईकोलॉजी और इकोनॉमी के बीच संतुलन बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने सिल्कयारा सुरंग ढहने की घटना के बाद ऐसी सभी परियोजनाओं के रिव्यू का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि उनकी दिवाली मंगलवार को लगभग 17 दिनों से अंदर फंसे 41 श्रमिकों को सफलतापूर्वक निकालने के साथ आई.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में ऐसी कई परियोजनाएं चल रही हैं. हमने उनकी समीक्षा करने का फैसला किया है, हमें विकास की जरूरत है लेकिन ईकोलॉजी और इकोनॉमी के बीच संतुलन होना चाहिए. हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा था कि सरकार सभी निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा ऑडिट करेगी.
सीएम धामी ने राज्य में मनाए जाने वाले अन्य त्योहारों का भी जिक्र करते हुए कहा कि मेरी दिवाली, इगास या देव दीपावली कल आई, जब 41 मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाल लिया गया. उन्होंने कहा कि सभी मजदूर मेरे परिवार की तरह हैं. क्योंकि वो लोग हमारे लिए, हमारे देश के लिए काम करते हैं. सीएम ने स्थानीय देवता बाबा बौखनाग, बचाव अभियान में शामिल एजेंसियों, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.
उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मुझे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन यह सबसे कठिन चुनौती थी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की डेली निगरानी और बचाव के लिए बड़ी मशीनरी उपलब्ध कराने से उन्हें बहुत ताकत मिली.
बता दें कि केंद्र की महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. इसमं 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें 400 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मंगलवार शाम को बाहर निकाला गया.
उन्हें चिन्याली-सौढ़ के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां उनके लिए बनाए गए एक विशेष वार्ड में उन्होंने निगरानी में रात बिताई. आज दोपहर को उन्हें एम्स में मेडिकल जांच के लिए हवाई मार्ग से ऋषिकेश ले जाया गया.
धामी ने चिन्यालीसौढ़ केंद्र में उनसे मुलाकात की. हर कार्यकर्ता को 1 लाख रुपये का चेक सौंपा. उन्होंने फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने में लगी रेस्क्यू टीम के प्रत्येक बचावकर्मी को 50 हजार रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की.
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