गोरखपुर में बच्चों की मौत जारी, योगी बोले- कहीं ऐसा न हो, लोग सरकार के भरोसे छोड़ दें बच्चे

योगी आदित्यनाथ ने नागरिकों की जिम्मेदारी को लेकर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, 'मीडिया कहती है कि उस जगह कूड़ा पड़ा है. हम लोग मानते हैं, सरकार कि जिम्मेदारी है, लगता है लोग सारी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गए.'

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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 30 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 5:52 PM IST

गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में हो रही बच्चों की मौत के बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हैरान करने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा है, 'मुझे लगता है कहीं ऐसा न हो कि लोग अपने बच्चे 2 साल के होते ही सरकार के भरोसे छोड़ दें, सरकार उनका पालन पोषण करे.'

इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ ने नागरिकों की जिम्मेदारी को लेकर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, 'मीडिया कहती है कि उस जगह कूड़ा पड़ा है. हम लोग मानते हैं, सरकार कि जिम्मेदारी है, लगता है लोग सारी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गए.'योगी आदित्यनाथ ने स्टार्टअप कार्यक्रम के दौरान ये बात कही. योगी आदित्यनाथ का ये बयान उस वक्त आया है, जब गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर लगातार उनकी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं.

ताजा आकंड़ों के मुताबिक पिछले 48 दिनों में 43 बच्चों की मौत की खबर सामने आई है. वहीं जो आधिकारिक आंकड़ा जारी किया गया है कि उसके मुताबिक अगस्त महीने में अब तक 290 बच्चों की मौत हो चुकी है. बता दें इसी महीने की शुरूआत में बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी. जिसके बाद योगी सरकार की काफी आलोचना हुई थी.

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ये है पूरा बयान...

हमारे अंदर सिविक सेंस नहीं है. हम सफाई करना भी नहीं चाहते हैं, हम समझते हैं कि सरकार की ज़िम्मेदारी है, नगर निगम की ज़िम्मेदारी है, ग्राम समाज की ज़िम्मेदारी है. जैसे कि हम सभी ज़िम्मेदारियों से मुक्त हो गए हों, हम लोगों ने अपनी ज़िम्मेदारी सरकार को दे दी है और मुझे तो कभी-कभी ऐसा भी लगता है कि एक समय बाद कहीं ऐसा न हो कि लोग बच्चों को 1-2 साल पालने के बाद सरकार के भरोसे न छोड़ दें कि सरकार इन बच्चों का पालन पोषण करेगी.

क्योंकि मैं देख रहा हूं कि हर प्रकार में यही स्थिति हो गयी है, लोग गाय को घर में रखेंगे, दूध बेचेंगे, लेकिन सड़क पे छोड़ देंगे कि इनको सरकार देखे. मेरे पास शिकायतें आती हैं, विधायक कहते हैं कि गांव में गोशाला खोल दें. मैंने कहा वाह दूध पिओगे तुम और घास लाने और गोबर उठाने का काम सरकार करेगी.

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