उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिला प्रशासन ने शुक्रवार को सड़कों पर धार्मिक कार्यक्रमों पर बैन लगा दिया. इसके बाद हिंदू जागरण मंच (एचजेएम) ने शनिवार को कहा कि अगर आदेश लागू हुआ तो जिलाधिकारी से सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़वाएंगे. अलीगढ़ के जिलाधिकारी सीबी सिंह को धमकी देते हुए हिंदू जागरण मंच के राज्य महासचिव सुरेंद्र सिंह भगौर ने कहा, 'हम जिलाधिकारी का आदेश नहीं मानेंगे. वह हमें आदेश देने वाले कोई नहीं हैं. अगर उन्होंने सार्वजनिक जगहों पर हमें धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने से रोका तो उन्हें सड़क पर 'हनुमान चालीसा' पढ़ने के लिए बाध्य किया जाएगा.'
पहले कुछ रिपोर्ट्स जिलाधिकारी के पास आई थीं कि कुछ संगठन मुस्लिमों के सड़क पर नमाज पढ़े जाने के विरोध में हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं. एक्शन लेते हुए जिलाधिकारी ने दोनों समुदाय के प्रतिनिधियों से बात की और कहा कि सड़क पर किसी भी तरह के धार्मिक कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी जाएगी.
इंडिया टुडे से बातचीत में यूपी के कांग्रेस नेता द्विजेंद्र त्रिपाठी ने कहा, 'ऐसे बयान वही दे सकते हैं, जिन्हें बीजेपी ने शरण दे रखी है. जो जिलाधिकारी ने किया वह बिल्कुल सही है. शांति बहाल रखने की जिम्मेदारी उनकी है.' इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए यूपी बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, 'कुछ लोग विवाद पैदा करने के लिए ऐसे बयान देते हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सड़क पर ऐसी कोई गतिविधि नहीं होनी चाहिए, जिससे तनाव पैदा हो.'
गौरतलब है कि सड़क पर हनुमान चालीसा पर सियासत का असर अब पूरे देश में देखा जा रहा है. यह चलन पश्चिम बंगाल से शुरू हुआ था. हाल ही में जमशेदपुर में भक्त सड़क पर बैठ गए और हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे. इसके बाद इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात करना पड़ा. शहर के साकची में हिंदूवादी संगठनों ने सड़क पर मंगल आरती और हनुमान चालीसा पढ़ी. इस कार्यक्रम में हजारों लोग जुटे, जिसमें जय श्री राम के नारे भी लगे. आयोजकों ने साफ कहा कि यह सिलसिला तब ही रुकेगा, जब सड़कों पर नमाज पढ़ना बंद किया जाएगा.
नीलांशु शुक्ला