यूपी: सदन में बीजेपी को घेरने की तैयारी! कल समाजवादी पार्टी चुनेगी अपना नेता प्रतिपक्ष

सपा के कई पुराने और वफादार नेता हैं, जो कड़े तेवर और संघर्षों वाले माने जाते है. सदन में सरकार को जमकर घेरते रहे हैं. ऐसे लोग यदि विपक्ष के नेता बनते हैं तो बीजेपी सरकार की घेराबंदी तगड़े से कर सकेंगे. ऐसे में देखना है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव किस पर दांव खेलते हैं?

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अखिलेश यादव (फाइल फोटो) अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

समर्थ श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 25 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:43 PM IST
  • कल होगी समाजवादी पार्टी की बड़ी बैठक
  • बैठक में चुना जा सकता है नेता प्रतिपक्ष

समाजवादी पार्टी (सपा) भले ही सूबे की सत्ता में वापसी न कर पाई हो, लेकिन विधायकों की संख्या बढ़कर सौ के पार हो गई है. ऐसे में मुख्य विपक्षी दल सपा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव करहल विधानसभा से चुनाव जीते हैं. उन्होंने आजमगढ़ से सांसद के पद से इस्तीफ़ा देकर विधायक बने रहना चुना है. 

चुनावी नतीजों के बाद लगातार यही सवाल उठ रहा है कि आखिर सदन में बीजेपी को घेरने के लिए सपा का चेहरा कौन होगा? अब सपा की तरफ से कल यानि शनिवार को नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान हो सकता है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की कल सपा दफ्तर में 11 बजे होगी बैठक. इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर मुहर लग सकती है.  वहीं इस बैठक में विधायक दल का नया नेता भी चुना सकता है. विधान परिषद के चुनाव के लिए भी बैठक में रणनीति बनेगी. वहीं आरएलडी के विधायकों की बैठक भी कल होना तय हुई है. RLD अध्यक्ष जयंत चौधरी कल अपने नेताओं के साथ बैठक करेंगे. 

शिवपाल यादव को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी!

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प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक शिवपाल यादव को सपा के संगठन या विधानसभा के अंदर विधायक दल में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. शिवपाल यादव के खेमे को ये उम्मीद है कि उन्हें सदन में नेता प्रतिपक्ष या संगठन में प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व मिल सकता है. ऐसा नहीं होने पर शिवपाल यादव के खेमे में निराशा होगी. 

कहा ये भी जा रहा है कि सूबे के वर्तमान राजनीतिक हालात को देखते हुए शिवपाल यादव के पास सपा में कोई जिम्मेदारी नहीं दिए जाने की स्थिति में सीमित विकल्प होंगे. यदि सपा में शिवपाल को कोई जिम्मेदारी नहीं मिलती है तो उनका फोकस प्रगतिशील समाजवादी पार्टी पर होगा. वो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कोई बड़ा निर्णय भी ले सकते हैं.

 

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