जातीय बिसात पर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ AAP बुन रही अपनी राजनीति

आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में सियासी जमीन तलाशने में जुटी हुई है. ऐसे में आम आदमी पार्टी ने सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार को जातीय की सियासी बिसात पर घेरने की रणनीति पर काम कर रही है. AAP सांसद संजय सिंह इन दिनों यूपी में डेरा जमाए हुए हैं और सीएम योगी को ठाकुर हितैशी बताकर बाकी समुदाय को साधने की कवायद कर रहे हैं. 

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आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 03 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST
  • AAP योगी सरकार को ब्राह्मण विरोध बताने में जुटी
  • योगी सरकार को लेकर AAP ने जातिगत सर्वे कराया
  • यूपी में AAP अपने आधार को बढ़ाने की कवायद में जुटी

दिल्ली की सत्ता पर दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी की नजर अब देश के अन्य राज्यों पर भी है. इसमें फिलहाल पार्टी का पूरी तरह से उत्तर प्रदेश में सियासी जमीन तलाशने में जुटी हुई हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी ने सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार को जाति की सियासी बिसात पर घेरने की रणनीति पर काम कर रही है. AAP सांसद संजय सिंह इन दिनों यूपी में डेरा जमाए हुए हैं और सीएम योगी को ठाकुर हितैशी बताकर बाकी समुदाय को साधने की कवायद कर रहे हैं.

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आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के काम-काज को लेकर एक जातिगत सर्वे शुरू किया था. इसके जरिए लोगों से कॉल कर पूछा जा रहा था कि जैसे अखिलेश यादव ने यादव समाज के लिए काम किया, मायावती ने जाटव समाज के लिए काम किया, वैसे ही योगी आदित्यनाथ सिर्फ ठाकुरों के लिए काम कर रहे हैं. यदि सहमत हैं तो एक दबाइए और नहीं है तो दो दबाइए. हालांकि, सर्वे के जवाबों को गोपनीय रखने का दावा भी किया गया.

आम आदमी पार्टी के सर्वे का मामला सरकार में संज्ञान में आते ही लखनऊ के हजरतगंज थाने में आईटी एक्ट और जातिगत भावना भड़काने (501-ए) के तहत मामला दर्ज किया है. इस सर्वे की जिम्मेदारी AAP सांसद संजय सिंह ने ली है और कहा कि, आप (सीएम योगी) मुकदमे कराते रहिए, मैं अपना काम करता रहूंगा. संजय सिंह ने एक वीडियो जारी कर कहा कि, उत्तर प्रदेश सरकार ने मेरे ऊपर एक 10वां मुकदमा दर्ज कराया है. यूपी में ब्राह्मणों की हत्या कराना अपराध नहीं है. दलितों का अपराध करना अपराध नहीं है. लेकिन, योगी सरकार जातिवादी है या नहीं, यह राय लेना अपराध है. मैंने यह सर्वे कराया कि यह सरकार जातिवादी है या नहीं? 

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संजय सिंह ने जातिगत सर्वे पेश किया
संजय सिंह ने जातिगत सर्वे का आंकड़ा सार्वजनिक किया. उन्होंने कहा कि, दो दिन के भीतर लाखों लोगों को कॉल हुए, जिसमें से 63 फीसदी लोगों ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ठाकुरों के लिए काम कर रही है. एक जाति की सरकार चल रही हैं. सूबे के 9 फीसदी लोगों ने जवाब देने से मना कर दिया और 28 फीसदी लोगों ने कहा कि योगी सरकार ठाकुरों के लिए काम नहीं कर रही है. 

योगी के ब्राह्मण विरोध बता रही AAP
बता दें कि बिकरू कांड के बाद संजय सिंह उत्तर प्रदेश में सक्रिय है. बिकरू कांड में मारे गए पुलिस वालों के घर-घर जाकर उनके परिजनों से उन्होंने पहले मुलाकात थी. इसके बाद गैंगस्टर विकास दूबे के एनकाउंटर के बाद से उन्होंने योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी के तौर पर पेश कर रहे हैं. उन्होंने हाल ही में लखीमपुर खीरी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके योगी आदित्यनाथ को ठाकुर हितैषी और ब्राह्मण विरोधी करार दिया, जिसके लिए उनके खिलाफ कई एफआईआर भी दर्ज किए गए हैं. इतना ही नहीं रायबरेली के लालगंज कोतवाली में पुलिस कस्टडी में एक दलित युवक की मौत को लेकर संजय सिंह ने सीएम योगी को दलित विरोध बताया है. 

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संजय सिंह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में दलितों, शोषितों, ब्राह्मणों के साथ अत्याचार हो रहा है. बीजेपी विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल और देवमणि ने जातिवादी होने का आरोप लगाया. अगर जातिवादी नहीं है तो बड़े पैमाने पर यह सर्वे होने देना चाहिए. मुकदमे क्यों लिखा रहे हो डर क्यों रहे हो? जनता के टैक्स के पैसे को जांच के नाम पर बर्बाद मत कीजिए, जो भी जानकारी हासिल करनी हो पूछताछ करनी हो, मैं एक-एक सवाल का जवाब दूंगा. आप मुकदमे कराते रहिए मैं अपना काम करता रहूंगा.

 

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