UP जिला पंचायत चुनावः BJP में ठाकुरों का दबदबा, सपा में सिर्फ यादव जीते

यूपी में जीत दर्ज करने वालों का जातीय आंकड़ा देखें तो सबसे ज्यादा 16 जिला पंचायत अध्यक्ष क्षत्रिय समाज से जीतकर आए हैं, जिनमें 15 बीजेपी के टिकट पर जीते हैं. वहीं, सपा की पांचों जिला पंचायत सीटों पर यादव समुदाय के नेताओं को ही जीत मिली है.

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सीएम योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव सीएम योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली ,
  • 05 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST
  • यूपी में क्षत्रिय समुदाय से सबसे ज्यादा 16 सदस्य जीते
  • सिर्फ 6 ब्राह्मण जिला पंचायत अध्यक्ष बन सके हैं
  • यूपी में सपा से सिर्फ यादव ही जिला पंचायत जीते

उत्तर प्रदेश में हुई जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में 75 में से 66 जिलों में बीजेपी ने जीत का परचम लहराया है. यूपी में जीत दर्ज करने वालों का जातीय आंकड़ा देखें तो सबसे ज्यादा 16 जिला पंचायत क्षत्रिय समाज से जीतकर आए हैं, जिनमें 15 बीजेपी के टिकट पर जीते हैं. इसके बाद यादव, कुर्मी और जाट समाज के उम्मीदवारों को जीत मिली है, लेकिन इनका आंकड़ा दहाई में नहीं पहुंच सका है. वहीं, सपा की पांचों जिला पंचायत सीटों पर यादव समुदाय के नेताओं को ही जीत मिली है. इस तरह से बीजेपी में क्षत्रियों का दबदबा कायम है तो सपा में यादवों का वर्चस्व रहा है. 

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बीजेपी के 25 सवर्ण में 15 क्षत्रिय जिला पंचायत अध्यक्ष 
यूपी में बीजेपी का कोर वोटबैंक क्षत्रिय, ब्राह्मण और वैश्य समुदाय को प्रमुख रूप से माना जाता है. जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर 25 अगड़ी जाति के लोग चुनकर आए हैं. हालांकि, इस बार सबसे ज्यादा 16 क्षत्रिय समुदाय के कैंडिडेट जीते हैं, जिनमें 15 बीजेपी से और एक निर्दलीय है. इसके अलावा बीजेपी के 6 ब्राह्मण कैंडिडेट, दो भूमिहार और दो वैश्य समुदाय से जिला पंचायत अध्यक्ष बने हैं. दिलचस्प बात यह है कि ब्राह्मण की आबादी यूपी में क्षत्रिय समुदाय से ज्यादा है, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष की संख्या आधी भी नहीं है. 

बीजेपी के क्षत्रिय जिला पंचायत अध्यक्ष 
बीजेपी के टिकट पर सुल्तानपुर से उषा सिंह, फिरोजबाद से हर्षिता सिंह, आगरा से मंजू भदौरिया, अलीगढ़ से विजय सिंह, प्रयागराज से डॉ. वीके सिंह, मैनपुरी से अर्चना भदौरिया, कानपुर देहात से नीरज रानी सिंह, फतेहपुर से अभय प्रताप सिंह, गाजीपुर से सपना सिंह, गोरखपुर से साधना सिंह, उन्नाव से शकुन सिंह, मुरादाबाद से डॉ. सैफाली सिंह, सिद्धार्थनगरसे शीतल सिंह, बहराइच से मंजू सिंह और अयोध्या से रोली सिंह ने जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं. इसके अलावा जौनपुर में धन्नजंय  सिंह की पत्नी किरण रेड्डी ने ने निर्दलीय जीत दर्ज की है.

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क्षत्रियों के बाद यादव सबसे ज्यादा जीते 
यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में क्षत्रिय समुदाय के बाद यादव सबसे ज्यादा जीते हैं. इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में 9 कैंडिडेट यादव समुदाय से जीतकर आए हैं, जिनमें चार बीजेपी से और पांच समाजवादी पार्टी से जीते हैं. बीजेपी के टिकट पर फार्रुखाबाद से मोनिका यादव, संभल से अनामिका यादव, बदायूं से वर्षा यादव और शाहजहांपुर से ममता यादव जीती हैं. 

सपा से सिर्फ यादव ही जीते जिला पंचायत
वहीं, समाजवादी पार्टी इस बार पांच जिला पंचायत अध्यक्ष ही बना सकी है और पांचों ही यादव समुदाय से हैं. सपा के टिकट पर एटा से रेखा यादव, इटावा से अंशुल यादव, बलिया से आनंद चौधरी, आजमगढ़ से विजय यादव और संतकबीर नगर से बलराम यादव जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं. सपा ने यूपी की कुल 75 सीटों में से करीब तीन दर्जन सीटों पर यादव कैंडिडेट उतारे थे. गोरखपुर क्षेत्र की 10 सीटों में 9 पर यादव प्रत्याशियों को सामने किया था. इनमें से दो सीटें ही सपा जीती है. सपा में यादव छोड़कर कोई दूसरे समाज का कोई प्रत्याशी नहीं जीत सका. हालांकि, पार्टी ने दूसरे समुदाय के कैंडिडेट पर भरोसा ही कम जताया था. 

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यूपी में की सियासत में सपा का कोर वोटबैंक यादव है तो योगी के सीएम बनने के बाद क्षत्रिय बीजेपी का हार्डकोर वोटर बन गया है. यूपी में करीब 10 फीसदी यादव मतदाता हैं जबकि क्षत्रिय मतदाता लगभग 7 फीसदी हैं. इसके बाद भी क्षत्रिय 16 जिला पंचायत अध्यक्ष बने हैं. वहीं, ब्राह्मणों की आबादी करीब 10 फीसदी के करीब है, जिनमें से 6 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं. 

यूपी में अन्य समाज के जिला पंचायत अध्यक्ष

ऐसे ही कुर्मी समुदाय की आबादी 7 फीसदी के करीब है, लेकिन उसमें से 8 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं. यूपी में सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व के तौर पर बीजेपी से जाट जीतकर आए हैं. यूपी में महज 3 फीसदी के करीब जाट हैं, लेकिन वो 8 जिला पंचायत अध्यक्ष बनने में कामयाब रहे. इतना ही नहीं, गुर्जर समुदाय से भी तीन जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं. इसके अलावा दो कैंडिडेट भूमिहार और दो वैश्य समाज से जीते हैं. 

वहीं, 2 लोध और चौरसिया, लोहार कश्यप, मौर्य और शाक्य समाज से एक-एक जिला पंचायत अध्यक्ष चुनकर आए हैं. इसके अलावा 15 दलित समाज से बीजेपी के टिकट पर जिला पंचायत अध्यक्ष बने हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 4 पासी, 3 धोबी और 3 ही कोरी समाज से जीतकर आए हैं. इसके अलावा औराया में दोहरे को मौका मिला है. चित्रकूट में जाटव समाज के जिला पंचायत अध्यक्ष बीजेपी से जीते हैं जबकि कानपुर, झांसी, सीतापुर में हरिजन जाति के जिला पंचायत अध्यक्ष बीजेपी से बने हैं. कौशांबी में खटिक समुदाय का जिला पंचायत अध्यक्ष बना है. इसके अलावा बागपत से आरएलडी के टिकट पर जाटव समाज के जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं. 

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