प्रयागराजः गंगा और यमुना नदी उफान पर, बाढ़ से निपटने को जुटा प्रशासन

प्रयागराज में बाढ़ के मद्देनजर कुल 98 बाढ़ चैकियां और 110 बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं. जिन पर सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, चिकित्साधिकारियों, पशु डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ आदि की ड्यूटी लगायी जा चुकी है.

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प्रयागराज में बाढ़ का खतरा बढ़ा (PTI) प्रयागराज में बाढ़ का खतरा बढ़ा (PTI)

पंकज श्रीवास्तव

  • प्रयागराज ,
  • 06 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 7:29 AM IST
  • कलेक्ट्रेट परिसर में कंट्रोल रूम खोला गया, मोबाइल नंबर भी जारी
  • धवलपुर बैराज से 18 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जलस्तर बढ़ा
  • बाढ़ के मद्देनजर 98 बाढ़ चैकियां और 110 बाढ़ शरणालय बनाए गए

प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियां उफान पर हैं और जल्द ही बाढ़ आने की संभावना जताई जा रही है. इसलिए प्रशासन की ओर से संभावित बाढ़ से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी करने का दावा किया गया है.

जिले में बाढ़ के प्रभावी नियंत्रण के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में कंट्रोल रूम खोला गया है. कंट्रोल रूम के फोन नंबर (0532-2641577, 2641578) जारी कर दिए गए हैं. 

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इस बीच राजस्थान के धवलपुर बैराज से लगभग 18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर डेंजर लेवल 184.73 के करीब पहुंच गया है.

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तहसील सदर, सोरांव, फूलपुर, हंडिया, बारा, करछना और मेजा के कई गांव बाढ़ से प्रभावित होंगे. इसके अलावा तहसील सदर के बघाड़ा, राजापुर, ऊंचवागढ़ी, अशोक नगर, कछार करैली, सदियांपुर, करैलाबाग, मीरापुर आदि मोहल्लों में भी बाढ़ की संभावना जताई जा रही है.

बनाई गई 98 बाढ़ चैकियां

बाढ़ के मद्देनजर कुल 98 बाढ़ चैकियां और 110 बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं. जिन पर सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, चिकित्साधिकारियों, पशु डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ आदि की ड्यूटी लगायी जा चुकी है.

संगम क्षेत्र में जल पुलिस, पीएसी और एसडीआरएफ की 20 मोटर बोट/मोटर लांच समस्त जीवन रक्षक उपकरणों सहित तैनात किए गए हैं.

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मेला प्रशासन के पास 2 मोटर बोट, लोक निर्माण विभाग के पास 1 मोटर वोट, सिंचाई विभाग के पास 2 मोटर वोट और विकास प्रधिकरण के पास 4 मोटर बोट उपलब्ध है. इसके अलावा कुल 1000 प्राइवेट नावें (छोटी, मझोली और बड़ी मिलाकर) और 5 प्राइवेट मोटर बोट भी उपलब्ध है.

इन सब की व्यवस्था एसडीएम सदर (मोबाइल नंबर 9454417814) के नियंत्रण में है. किसी भी अनहोनी को टालने के लिए जल पुलिस, एसडीआरएफ और पीएसी के मिलाकर कुल 20 गोताखोर तथा 15 प्राइवेट गोताखोर भी उपलब्ध हैं.

 

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