मुहर्रम पर साफ नहीं यूपी सरकार का रुख, शिया बोर्ड की मांग- स्पष्ट हो गाइडलाइन

मुहर्रम को लेकर यूपी सरकार के रुख से ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड संतुष्ट नहीं है. बोर्ड की मांग है कि योगी सरकार स्पष्ट गाइडलाइन मुहर्रम को लेकर जारी करे. पुलिस और शिया समुदाय के बीच इसी वजह से टकराव देखने को मिल रहा है.

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मुहर्रम को लेकर सरकार से रुख से खुश नहीं है शिया समुदाय (सांकेतिक तस्वीर-PTI) मुहर्रम को लेकर सरकार से रुख से खुश नहीं है शिया समुदाय (सांकेतिक तस्वीर-PTI)

तनसीम हैदर

  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 8:10 AM IST
  • ताजिया को लेकर गाइडलाइन जारी करने की मांग
  • शिया समुदाय और पुलिस में टकराव की स्थिति
  • बोर्ड ने यूपी सरकार से स्पष्ट निर्देश की मांग की

मुहर्रम के महीने की शुरुआत हो चुकी है. पूरी दुनिया में शिया समुदाय मुहर्रम की तैयारियों में जुटा है. यूपी में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड सरकार के रुख से नाराज है. हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस की गाइडलाइंस को लेकर एक पत्र वायरल हुआ था, जिस पर शिया समुदाय के धर्मगुरुओं ने अपनी असहमति जताई थी और अधिकारियों से मुलाकात की थी.

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तमाम कोशिशों के बाद भी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मुहर्रम को लेकर गाइडलाइन साफ तौर पर जारी नहीं की गई है. यही वजह है कि कई जगहों पर पुलिस प्रशासन और शिया समुदाय के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है.

शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने शुक्रवार को कहा कि उनके पास उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से शिकायतें आ रही हैं, जिनमें पुलिस प्रशासन मजलिस मातम का आयोजन करने वाले शिया समुदाय के लोगों को तंग कर रहा है. ऐसे में सरकार स्पष्ट निर्देश जारी करे.

मौलाना यासूब अब्बास का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया की तरफ से यह निर्देश जारी किया गया था कि मजलिस के दौरान 50 लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए आयोजन में शामिल हो सकते हैं. ऐसे में पुलिस लोगों को परेशान कर रही है. उन्होंने आगरा के शाहगंज का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना गाइडलाइन के निर्देशानुसार हो रही मजलिस के बीच में जाकर पुलिसकर्मियों ने लोगों को परेशान किया.

यूपी पुलिस की मुहर्रम गाइडलाइंस में ऐसा क्या है जो भड़क गए शिया धर्मगुरु?

थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग

आगरा में हुई इस घटना की शिकायत आईजी नवीन अरोड़ा से की गई है. थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की गई है. मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि इस तरह की शिकायत हरदोई जिले से भी मिली. इस संबंध में पुलिस के आला अधिकारियों को सूचित किया गया है. 

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पुलिसकर्मियों ने घर में घुसकर किया ताजिये का अपमान

शिया धर्मगुरु यासूब अब्बास ने कहा कि शुक्रवार को भादी शाहगंज में पुलिस वालों ने घर में घुस कर ताजिये का अपमान किया है. जौनपुर के शाहगंज में पुलिस की तरफ से ताजिया का अपमान किए जाने से बड़ी तादाद में गुस्साए ताजियादारों ने शाहगंज कोतवाली का घेराव किया था. उन्होंने कहा कि यह सरकारी तानाशाही और ज़ुल्म की इन्तेहा है.
 

पुलिस सख्ती के खिलाफ फूटा था लोगों का गुस्सा.



घरों में ताजिया रखने की पाबंदी बेहद गलत!

यासूब अब्बास ने कहा कि घरों में ताजिया रखने पर पाबंदी बिल्कुल भी जायज नहीं है. सरकार ने आज तक मुहर्रम के सम्बंध में कोई भी स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं की है. सरकार पुलिस वालों पर कार्यवाही कर स्पष्ट निर्देश जारी करे. मौलाना यासूब अब्बास ने  कहा कि मुहर्रम शुरू होते ही उन्होंने दिल्ली मैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की थी.


मुहर्रम हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है. मुहर्रम को गम का महीना माना जाता है. इस दौरान शिया समुदाय के लोग घरों में ताजिए और अलम रखते हैं. घरों और इमामबड़ों में मजलिस-मातम का आयोजन किया जाता है. सुन्नी समुदाय में भी अलग अंदाज में इस मौके पर धार्मिक रीति निभाई जाती हैं.
 

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