उत्तर प्रदेश में विधानसभा की सात सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान हुए. जिन सात विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ उनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद की टूंडला, अमरोहा की नौगांवा, कानपुर नगर की घाटमपुर, उन्नाव की बांगरमऊ, जौनपुर की मल्हनी और देवरिया सदर के साथ-साथ बुलंदशहर सीट शामिल हैं. जिनके नतीजे 10 नवंबर को आएंगे. हालांकि, इन चुनाव नतीजों का प्रदेश की सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, पर इन चुनावों को 2022 विधानसभा से पहले लिटमस टेस्ट कहा जा रहा है. सात सीटों पर हुए उपचुनाव में 53.62 फीसदी मतदान हुआ है.
उत्तर प्रदेश की इन सात सीटों पर हुए उपचुनाव को बीजेपी सरकार के लिए टेस्ट माना जा रहा है. फिलहाल, कोविड-19 महामारी के कारण उपचुनावों के लिए बड़े प्रबंध किए गए हैं. चुनावकर्मियों के लिए पीपीई, अधिक मतदान केंद्र, थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर, मतदाताओं के लिए मास्क और दस्ताने और सोशल डिस्टेंसिंग करना शामिल है. बहरहाल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संकट के बीच सावधानी से मतदान की अपील की है.
बता दें कि देवरिया सीट बीजेपी विधायक जन्मेजय सिंह के असामयिक निधन से खाली हुई है. सपा से कद्दावर नेता ब्रम्हाशंकर त्रिपाठी, कांग्रेस से मुकुंद भास्कर मणि त्रिपाठी, बसपा से अभयनाथ त्रिपाठी और भाजपा से डॉक्टर सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी मैदान में हैं. वहीं जौनपुर की मल्हानी सीट पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा के कद्दावर नेता पारसनाथ यादव के निधन से रिक्त हुई है.
कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के आकस्मिक निधन के बाद अमरोहा में नौगांवा सादात सीट खाली होने पर उपचुनाव हो रहा है. यहां पर सभी राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं और बीजेपी ने चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया है.
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बांगरमऊ विधानसभा सीट पर बीजेपी से कुलदीप सिंह सेंगर विधायक चुने गए. लेकिन वह जब माखी रेप कांड में दोषी हुए तो इसके बाद उनकी सदस्यता चलगी गई. बांगरमऊ उपचुनाव में कुल 11 उम्मीदवार हैं. बांगरमऊ में उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी है. कुल मतदाताओं की संख्या तीन लाख 43 हजार आठ है. इनमें पुरुषों की संख्या 187397 और महिलाओं की संख्या 155580 है. 507 मतदान केंद्र और 299 बूथ बनाए गए हैं. प्रत्याशी सुरेश पाल (सपा), श्रीकांत कटियार (बीजेपी), आरती बाजपेयी (कांग्रेस), महेश पाल (बसपा) मैदान में.
वहीं बुलंदशहर सदर विधानसभा सीट पर उप चुनाव में 18 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं और चुनावी दंगल रोचक होने के आसार हैं. 18 प्रत्याशियों में से केवल 5 प्रत्याशी निर्दलीय हैं और 13 प्रत्याशी पार्टियों से संबंधित हैं.
कानपुर की घाटमपुर विधान सभा सीट बीजेपी के पाले में थी. जहां की विधायक कमल रानी वरुण का कोरोना के चलते इलाज के दौरान निधन हो गया था. जिसके बाद इस विधान सभा को उप चुनाव के दायरे में आना पड़ा. 2017 के चुनाव में एसपी सिंह बघेल लगभग 38 हजार वोटों से टूंडला विधानसभा से जीते थे. इस सीट पर भी मतदान हो रहे हैं.
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