UP: किसानों को साधने में जुटी योगी सरकार, 18 सितंबर को आयोजित करेगी किसान सम्मेलन

'किसान कल्याण सम्मेलन’ नाम से आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह शामिल होंगे. लखनऊ के आशियाना में स्मृति उपवन पार्क में आयोजित सम्मेलन में प्रदेश के सभी विधानसभाओं से किसानों को बुलाया जाएगा.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फाइल फोटो) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फाइल फोटो)

शिल्पी सेन

  • लखनऊ,
  • 15 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:28 PM IST
  • किसान कल्याण सम्मेलन में शामिल होंगे कई दिग्गज
  • किसानों को लेकर कुछ योजनाओं की हो सकती है घोषणा
  • प्रदेश के सभी विधानसभाओं से किसानों को बुलाया जाएगा

देश के अलग-अलग इलाकों में नए कृषि कानूनों (Three Farm Laws) को लेकर विरोध झेल रही बीजेपी (BJP) सरकार, अब यूपी में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से पहले किसानों को साधने में जुट गई है. आने वाली 18 सितंबर को यूपी बीजेपी किसान सम्मेलन (Kissan Sammelan) आयोजित करने का फैसला किया है.

'किसान कल्याण सम्मेलन’ नाम से आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह शामिल होंगे. लखनऊ के आशियाना में स्मृति उपवन पार्क में आयोजित सम्मेलन में प्रदेश के सभी विधानसभाओं से किसानों को बुलाया जाएगा. इसमें उन किसान यूनियन के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है जिन्होंने किसान आंदोलन के दौरान सरकार का समर्थन किया था. इसमें सीएम योगी किसानों को लेकर कुछ योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं.

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वरुण गांधी ने सीएम योगी को लिखा था पत्र

यूपी के पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने किसानों के मसले पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी थी. वरुण ने सीएम को चिट्ठी लिखकर कई मांग उठाई थी. सीएम को लिखे पत्र को ट्वीट करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई थी कि भूमिपुत्रों की बात सुनी जाएगी.

किसान सम्मान निधि दोगुनी करने का सुझाव

अपने पत्र में वरुण गांधी ने सीएम योगी से ये मांग की थी कि गन्ने की कीमतों में अच्छा इजाफा किया जाए. वरुण गांधी की ओर से सीएम योगी को लिखी गई चिट्ठी में ये मांग भी की गई कि गेहूं और धान की फसल पर बोनस का ऐलान करने के साथ पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सालाना छह हजार रुपये की सम्मान राशि को दोगुना कर 12 हजार रुपये सालाना कर दिया जाए. उन्होंने इसके लिए छह हजार रुपये की धनराशि राज्य सरकार की ओर से दिए जाने का सुझाव दिया था.

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