अखिलेश यादव का पलटवार, बोले- मैं भी चाहता था मायावती PM बनें, इसलिए 2019 में किया गठबंधन

अखिलेश यादव ने एक दिन पहले ही कहा था कि बीजेपी ने बसपा का वोट तो हासिल कर लिया, क्या अब बीजेपी मायावती को राष्ट्रपति बनाएगी. अखिलेश के इस बयान पर मायावती ने कहा था कि वे यूपी का सीएम या देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख सकती हैं, लेकिन राष्ट्रपति बनने का नहीं. अब अखिलेश यादव ने इस बयान पर जवाब दिया है.

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अखिलेश यादव और मायावती ने 2019 लोकसभा चुनाव में गठबंधन किया था. (फाइल फोटो) अखिलेश यादव और मायावती ने 2019 लोकसभा चुनाव में गठबंधन किया था. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 29 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 8:38 AM IST
  • मायावती ने कहा था- मैं पीएम बनने का सपना देख सकती हूं, लेकिन राष्ट्रपति का नहीं
  • अखिलेश बोले- मैं भी चाहता था मायावती पीएम बनें

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वे भी चाहते थे कि बसपा सुप्रिमो मायावती प्रधानमंत्री बनें. इसलिए 2019 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने बसपा से गठबंधन किया था. दरअसल, गुरुवार को मायावती ने कहा था कि मैं प्रधानमंत्री या यूपी के सीएम बनने का सपना देख सकती हूं, लेकिन राष्ट्रपति बनने का नहीं. 

जब अखिलेश यादव से इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, मैं खुश हूं. मैं भी यही चाहता था. पिछले चुनाव में इसी को लेकर गठबंधन किया गया था. अगर गठबंधन जारी रहता तो बसपा और डॉ भीम राव अंबेडकर के अनुयायी देख सकते थे कि कौन प्रधानमंत्री बनता.

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क्या है मामला?

दरअसल, अखिलेश यादव ने एक दिन पहले ही कहा था कि बीजेपी ने बसपा का वोट तो हासिल कर लिया, क्या अब बीजेपी मायावती को राष्ट्रपति बनाएगी. अखिलेश के इस बयान पर मायावती ने कहा था कि वे यूपी का सीएम या देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख सकती हैं, लेकिन राष्ट्रपति बनने का नहीं. मायावती ने कहा था, सपा यूपी में बीजेपी की जीत के लिए जिम्मेदार है. सपा मुझे राष्ट्रपति बनाने का सपना देख रही है, ताकि यूपी सीएम पद के रास्ते से मैं हट जाऊं. 
 
इफ्तार पार्टी में पहुंचे थे अखिलेश

अखिलेश यादव गुरुवार को एक इफ्तार पार्टी में शामिल होने पहुंचे थे. जब उनसे बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी जाति और धर्म देखकर कार्रवाई करती है. 
 
उन्होंने कहा, अगर वे भाजपा के लोगों का घर गिराते हैं, तो वे मुआवजा देंगे. गोरखपुर में 700 मीटर के दायरे में बनी दुकानों और ढांचों को तोड़ा गया और बाद में मुआवजा दिया गया. मैंने सुना है कि मुआवजा 100-150 करोड़ रुपये नहीं था, बल्कि 200 करोड़ रुपये था. 

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