बसपा सरकार में हुए 1400 करोड़ के स्मारक घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है. विजिलेंस ने 57 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. विजिलेंस की चार्जशीट में 23 तत्कालीन अफसरों व 34 अन्य व्यक्ति आरोपी बनाए गए हैं. माना जा रहा है कि विजिलेंस जल्द बसपा सरकार के तत्कालीन दो मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ भी जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में जुट जाएगी.
जांच कर रही विजिलेंस टीम ने घोटाले में लखनऊ की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. विजिलेंस की चार्जशीट में 23 अफसरों के नाम शामिल है, जिनमें तत्कालीन खनन निदेशक राम बोध, संयुक्त निदेशक सोहेल अहमद फारुकी, यूपी आरएनएन के तत्कालीन एमडी सीपी सिंह शामिल हैं.
हाल में गिरफ्तार किए गए थे चार अफसर
बता दें कि इस मामले में विजिलेंस चार अफसरों और 2 पट्टाधारकों को हाल ही में गिरफ्तार कर चुकी है. गिरफ्तार किए गए अफसरों में वित्तीय परामर्शदाता विमल कांत मुद्गल, महाप्रबंधक तकनीकी एसके त्यागी, महाप्रबंधक कृष्ण कुमार इकाई प्रभारी कामेश्वर शर्मा के साथ पट्टाधारक किशोरीलाल और रमेश कुमार शामिल हैं. इनमें से बीके मुद्गल एसके त्यागी और कामेश्वर शर्मा को हाल ही में कोर्ट ने जमानत दे दी है वही कृष्ण कुमार की जेल में रहते ही बीमारी के चलते मौत हो गई थी.
पिछले साल भी दाखिल की थी चार्जशीट
इससे पहले विजिलेंस ने अक्टूबर 2020 में 6 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. अभी एक आईएएस व 6 इंजीनियरों की जांच कर रही विजिलेंस को शासन से अभियोजन स्वीकृति का इंतजार है, अभियोजन स्वीकृति मिलते ही इनके खिलाफ भी मिलते ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी.
सात हफ्ते में पूरी करनी है जांच
बता दें कि 7 साल से जांच कर रही विजिलेंस को हाइकोर्ट के आदेश पर स्मारक घोटाले में अब अपनी 4 सप्ताह में जांच पूरी करनी होगी. वहीं, इस मामले में बसपा सरकार के दो कद्दावर मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा भी विजिलेंस की जांच के दायरे में हैं. दोनों ही नेताओं से विजिलेंस की टीम में पूछताछ कर चुकी हैं. बाबू सिंह कुशवाहा ने 7 सालों से चली आ रही इस जांच के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने बीते अगस्त में बाबू सिंह कुशवाहा की मांग को खारिज करते हुए विजिलेंस को 4 सप्ताह में अपनी जांच पूरी करने का आदेश दिया था.
संतोष शर्मा