शिवपाल की दो टूक- मुलायम साथ आते हैं या नहीं अब ये मायने नहीं रखता

रविवार को शिवपाल सि‍ंह यादव की लखनऊ में बड़ी रैली होने जा रही है. रैली से पहले आज तक से कहा क‍ि मुलायम साथ आते हैं या नहीं अब यह मायने नहीं रखता,पूरा यूपी मेरा परिवार है.

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श‍िवपाल स‍िंह (Photo:aajtak) श‍िवपाल स‍िंह (Photo:aajtak)

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 09 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:02 AM IST

नई पार्टी बनाने के बाद शिवपाल यादव अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की बड़ी रैली करने जा रहे हैं. 9 दिसंबर को लखनऊ के रमाबाई मैदान में शिवपाल यादव जनआक्रोश रैली कर रहे हैं और दावा है कि मायावती की तरह वह भी इस मैदान को अपने समर्थकों से भर देंगे. शिवपाल यादव अपने राजनीतिक ताकत का अहसास अपनी रैली के जरिए कराना चाहते हैं ताकि समाजवादी पार्टी और सत्ता पक्ष दोनों उनकी ताकत को महसूस कर सके.

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शिवपाल यादव की इस रैली में मुलायम सिंह आते हैं या नहीं इस पर सबकी नजर रहेगी, लेकिन शिवपाल यादव की मानें तो मुलायम सिंह उनके साथ हैं या नहीं, अब यह मायने नहीं रखता और वह परिवार से अलग, एकला चलो की राह पकड़ चुके हैं यानी परिवार में अगर किसी को उनके साथ आना है तो वो आए, अब वह परिवार के लिए रुकने वाले नहीं हैं.

रैली के 1 दिन पहले शिवपाल यादव ने आजतक से खास बातचीत की. बातचीत में इतना साफ हो गया कि अब मुलायम सिंह का उनके साथ आना या नहीं आना शिवपाल के लिए मायने नहीं रखता. वह अपनी राह पकड़ चुके हैं.

पोस्टरों में भी सिर्फ शिवपाल

इस रैली की पोस्टरों को भी देखें तो हर जगह सिर्फ शिवपाल ही शिवपाल हैं और शिवपाल का अकेलापन भी उन्हें रैली में खास बना रहा है. मुलायम सिंह की तस्वीरें औपचारिकतावश लगाई गई हैं लेकिन पोस्टरों में हर जगह शिवपाल 'एकला चलो' की राह भरते दिख रहे हैं.

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शिवपाल यादव ने आजतक से खास बातचीत में  कहा कि मुलायम सिंह अब उनके साथ है या नहीं ,अब ये मायने नही रखता उन्होंने अपनी राह चुन ली है, जिसे आना हो आए. अब यादव परिवार ही उनका परिवार नहीं बल्कि पूरा प्रदेश उनका परिवार है.

शिवपाल ने कहा कि मुलायम सिंह अगर समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ते हैं तो पार्टी उनके खिलाफ उम्मीदवार देगी या नहीं, इस पर पार्टी फैसला करेगी. वह अपनी पार्टी से मुलायम सिंह को मैनपुरी सीट लाना चाहते हैं लेकिन अगर वह दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ते हैं पार्टी उनके सलाह पर उम्मीदवार देगी या नहीं यह पार्टी तय करेगी.

शिवपाल ने यह भी दावा किया 9 दिसंबर की उनकी रैली में रमाबाई मैदान भर दिया जाएगा और उनकी ताकत का एहसास बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों को होगा. शिवपाल की मानें तो उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी का विकल्प नहीं बल्कि बीजेपी का विकल्प बनना चाहती है. यही वजह है कि समाजवादी पार्टी के तमाम पुराने चेहरों को शिवपाल यादव जुड़ रहे हैं. सभी 75 जिलों से कार्यकर्ता और नेता बुलाए गए हैं. अब देखना यह है कि रैली में कैसी भीड़ जुटती है.

पार्टी के गठबंधन को लेकर भी शिवपाल यादव अपने पत्ते नहीं खोल रहे. शिवपाल ने कहा कि उनका पूरा फोकस सिर्फ अपनी पार्टी पर है. रही बात गठबंधन की तो यह चुनाव के वक्त देखा जाएगा फिलहाल पार्टी सभी 80 सीटों के लिए तैयारी कर रही है.

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बता दें कि शिवपाल की रैली के 2 दिन पहले मुलायम सिंह यादव ने फर्रुखाबाद में अखिलेश यादव के साथ मंच शेयर किया. समाजवादी पार्टी के इस मंच पर मुलायम सिंह यादव लगातार समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते दिखे इसके बाद लगभग साफ हो गया कि अब मुलायम सिंह ने भी अपनी लाइन खींच दी है.अगर रविवार की रैली में मुलायम सिंह शिवपाल के मंच पर नहीं जाते तो यह साफ हो  जायेगा कि अब शिवपाल यादव अकेले ही अपनी लड़ाई लड़ेंगे.

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