यूपीः विवाह के लिए धर्म परिवर्तन मान्य नहीं, शून्य हो जाएगी शादी, योगी सरकार का फैसला

यूपी कैबिनेट ने मंगलवार को लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश पास कर दिया. अध्यादेश में धोखे से धर्म बदलवाने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. वहीं, सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन मान्य नहीं होगा. ऐसे विवाह को शून्य माना जाएगा.

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सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 24 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST
  • लव जिहाद के खिलाफ योगी सरकार लाई अध्यादेश
  • सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन मान्य नहीं होगा

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लव जिहाद के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की ओर बढ़ चुकी है. यूपी कैबिनेट ने मंगलवार को लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश पास कर दिया. अध्यादेश में धोखे से धर्म बदलवाने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. वहीं, सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन मान्य नहीं होगा. ऐसे विवाह को शून्य माना जाएगा. 

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अध्यादेश के मुताबिक, किसी एक धर्म से अन्य धर्म में लड़की के धर्म में परिवर्तन से मात्र प्रयोजन के लिए किए गए विवाह पर ऐसा विवाह शून्य की श्रेणी में लाया जा सकेगा. इसके अलावा धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है. अगर SC-ST समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ ऐसा होता है तो 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल होगी. 

यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि यूपी कैबिनेट उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 लेकर आई है, जो उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों में 100 से ज्यादा घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें जबरन धर्म परिवर्तित किया जा रहा है. इसके अंदर छल-कपट, बल से धर्म परिवर्तित किया जा रहा है.

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अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के इच्छुक होने पर विहित प्रारुप पर जिलाधिकारी को 2 महीने पहले सूचना देनी होगी, इसका उल्लंघन किए जाने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा और जुर्माने की राशि 10 हजार रुपये से कम की नहीं होने का प्रावधान है.

अध्यादेश के मुताबिक, एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन के लिए विहित प्राधिकारी के समक्ष उद्घोषणा करनी होगी कि ये धर्म परिवर्तन, मिथ्या निरुपण, बलपूर्वक, असम्यक प्रभाव, प्रपीड़, जबरदस्ती या अन्य किसी कपटपूर्ण रीति से या विवाद द्धारा एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन के लिए नहीं है. 


 

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