गाजियाबाद पिटाई केस: पुलिस ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों समेत 9 को भेजा नोटिस

गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर इंक के रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि लोनी में एफआईआर दर्ज है. इसलिए आप को भारतीय कानून को मानना होगा और जांच में सहयोग करना होगा.

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अरविंद ओझा

  • गाजियाबाद,
  • 21 जून 2021,
  • अपडेटेड 9:54 PM IST
  • गाजियाबाद मामले में ट्विटर अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ीं
  • गाजियाबाद पुलिस ने भेजा नोटिस, पूछताछ के लिए बुलाया

गाजियाबाद के लोनी के बुजुर्ग की पिटाई के मामले में पुलिस ने ट्विटर इंडिया के दो अधिकारियों समेत सभी नौ आरोपियों को नोटिस भेजा है. पुलिस ने ट्विटर इंडिया के जिन दो अधिकारियों को नोटिस भेजा है, उनमें- मनीष माहेश्वरी, धर्मेंद्र चतुर शामिल हैं. पुलिस ने इसके अलावा, पत्रकार राणा अयूब, मोहम्मद जुबैर, डॉक्टर शमा मोहम्मद, सबा नकवी, मस्कुर उस्मानी, सलमान निजामी को भी नोटिस जारी किया है. कुछ को घर के पते पर भेजा गया है, तो कुछ को ई-मेल के जरिए नोटिस भेजा गया है. 

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गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर इंक के रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर ऑफ इंडिया धर्मेंद्र चतुर को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि लोनी में एफआईआर दर्ज है. ऐसे में हमारी जानकारी के मुताबिक आप ट्विटर इंडिया इंक के रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर ऑफ इंडिया होने की वजह से आप भारत में ट्विटर इंक के प्रतिनिधि हैं, इसलिए आप को भारतीय कानून को मानना होगा और जांच में सहयोग करना होगा.

पुलिस ने कहा है कि जनता और राज्य की सुरक्षा एवं सदभाव बनाए रखने के लिए व्यापक हित में ट्विटर इंडिया के हैंडल के माध्यम से भारत में प्रसारित कौन सा ट्वीट हटाया जाना चाहिए, इसके बारे में भारत के संदर्भ में निर्णय लेने की शक्ति आप के पास है.

ट्विटर प्लेटफार्म पर प्रकाशित प्रश्नगत, हेटफुल ट्वीट की वजह से समाज मे तनावपूर्ण माहौल पैदा हुआ, देश-विदेश के अलग-अलग समूहों के बीच शत्रुता बढ़ी और सामाजिक सद्भाव को खतरा उत्पन्न हो गया. गाजियाबाद पुलिस द्वारा अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से यह ट्वीट किया गया था कि खबर फर्जी है और यह आपके अधिकार में था कि आप इस झूठी सूचना को फैलने से रोकते, लेकिन आप ऐसा करने में नाकाम रहे.

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पुलिस ने ट्विटर के अधिकारियों से कहा है कि आप 24 जून को सुबह 10:30 बजे पुलिस स्टेशन लोनी बॉर्डर में पर्सनल तौर पर अपना बयान दर्ज करवाएं. इस पत्र को आप नोटिस के तौर पर देखें. अगर आप हाजिर नहीं हुए तो कानून की उचित प्रकिया में प्रतिरोध उत्पन्न करने और जांच को असफल करने का प्रयास माना जाएगा और इसी के तहत आगे एक्शन लिया जाएगा.

 

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