'Noida अथॉरिटी फाइनेंशल क्रेडिटर नहीं केवल ऑपरेशनल क्रेडिटर', SC ने खारिज की याचिका

नोएडा अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. आदेश में कहा गया कि नोएडा अथॉरिटी फाइनेंशल क्रेडिटर नहीं केवल ऑपरेशनल क्रेडिटर है.

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नोएडा अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी नोएडा अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2022,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST
  • न्यू ओखला इंटस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने दायर की थी याचिका
  • NOIDA अथॉरिटी ने NCLAT के आदेश के खिलाफ अर्जी दी थी

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को न्यू ओखला इंटस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी (NOIDA) की एक याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए यह भी कहा कि नोएडा अथॉरिटी फाइनेंशल क्रेडिटर नहीं केवल ऑपरेशनल क्रेडिटर है. यह मामला दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) से जुड़ी है.

NOIDA ने यह याचिका दायर की थी. इसमें सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा था कि क्या IBC के हिसाब से अथॉरिटी को फाइनेंशल क्रेडिटर माना जाना चाहिए. जस्टिस एम जोसेफ और हृषिकेश रॉय ने इसपर करीब 186 पन्नों का अपना आदेश दिया.

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आदेश में लिखा है, 'हमें लगता है कि NCLT और NCLAT दोनों इस आधार पर आगे बढ़े हैं कि याचिकार्ता (NOIDA) एक ऑपरेशनल क्रेडिटर है. इस आधार पर हम मानते हैं कि अपीलकर्ता फाइनेंशल क्रेडिटर नहीं बल्कि ऑपरेशनल क्रेडिटर है.' यह कहकर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

यहां यह जानना भी जरूरी है कि NCLT एक न्यायनिर्णायक प्राधिकारी है जो कि IBC के तहत कंपनियों की दिवाला समाधान प्रक्रिया को देखता है. इसके फैसले के खिलाफ NCLAT पर अपील की जा सकती है.

बता दें कि NOIDA ने NCLAT के एक आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें NCLAT ने NCLT की बात की पुष्टि की थी कि भारतीय लेखा मानकों के संदर्भ में कोई वित्तीय लीज नहीं थी और कोई वित्तीय ऋण नहीं था.

पीठ ने कहा कि इस मामले में जुलाई, 2010 की लीज का जिक्र है. नोएडा उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास कानून, 1976 की धारा तीन के तहत लीज देने वाली इकाई है जिसे प्राधिकरण के रूप में बताया गया है.

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