जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष मौलाना जलालुद्दीन उमरी ने राष्ट्रगान का विरोध किया है. उन्होंने यूपी सरकार के उस फैसले का विरोध किया है जिसमें मदरसों में राष्ट्रगान गाना अनिवार्य किया गया है. उमरी का कहना है कि मदरसों पर राष्ट्रगान नहीं थोपा जाना चाहिए.
सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए जलालुद्दीन उमरी ने कहा कि यूपी के मदरसों पर शक नहीं करना चाहिए. गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मदरसों पर छुट्टी रहती है. राष्ट्रगान को जबरदस्ती किसी पर थोपना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि जिसकी मर्जी हो वह राष्ट्रगान पढ़ें और जिसकी मर्जी हो न पढ़ें.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रगान गाने से छूट मांगने वाली याचिका को लेकर मदसरों को करारा झटका दिया था. अदालत ने मदरसों में राष्ट्रगान गाने के योगी सरकार के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज का सम्मान करना सभी नागरिक का संवैधानिक कर्त्तव्य है. लिहाजा जाति, धर्म और भाषा के आधार पर इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता है.
याचिकाकर्ता अलाउल मुस्तफा ने मदरसों को राष्ट्रगान गाने से छूट की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी. इसमें छह सितंबर 2017 के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती दी गई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्ड पीठ ने आदेश दिया कि मदरसों को राष्ट्रगान गाने से छूट नहीं है.
दरअसल, सूबे के सभी मदरसों को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड की तरफ से एक आदेश जारी किया गया था. आदेश के मुताबिक सभी मदरसों को 15 अगस्त के दिन राष्ट्र ध्वज फहराने और राष्ट्रगान गाने का आदेश दिया गया था. साथ ही पूरे समारोह की वीडियोग्राफी का भी आदेश दिया गया था.
कुबूल अहमद