उत्तरप्रदेश के कासगंज में हुई हिंसा पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेर लिया है. मायावती ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि मौजूदा हालात से साबित होता है कि भाजपा एण्ड कम्पनी का हर स्तर पर ‘घोर अपराधीकरण’ हो चुका है.
भाजपा शासित राज्यों में हुई हिंसा
मायावती ने एक बयान में कहा कि भाजपा शासित राज्यों ख़ासकर उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान तथा महाराष्ट्र आदि में अपराध-नियन्त्रण और कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनहित तथा विकास का बुरा हाल है. इससे यह साबित होता है कि भाजपा एण्ड कम्पनी का हर स्तर पर घोर अपराधीकरण हो गया है.
कासगंज का दिया उदाहरण
उन्होंने उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुए उपद्रव का जिक्र करते हुए कहा कि सूबे में जंगलराज है. इसका ताजा उदाहरण कासगंज की घटना है जहां हिंसा की आग अब भी शांत नहीं हुई है. बसपा इसकी कड़ी निन्दा के साथ-साथ दोषियों को सख्त सज़ा देने की माँग करती है.
अदालतें दोषियों को सजा नहीं दे पा रही
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि भाजपा और उससे जुड़े अन्य संगठनों का अपराधीकरण हो जाने का ही दुष्परिणाम है कि देश में आज हर जगह हिंसा और अपराध की घोर अव्यवस्था कायम है. अदालतें दोषियों को सजा नहीं दे पा रही हैं क्योंकि सरकारी गवाहों को भाजपा की सरकारें सुरक्षा नहीं दे पा रही हैं. गवाहों की खुलेआम हत्या हो रही हैं.
न्याय व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में विभिन्न अपराधों, हिंसा तथा साम्प्रदायिक दंगों के आरोपी भाजपा नेताओं पर से मुकदमे वापस लेकर जंगलराज को सरकारी तौर पर स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे देश की समूची आपराधिक न्याय व्यवस्था पटरी से उतरी हुई लगती है.
भाजपा हिंसक प्रवृति को बढ़ावा दे रही है
मायावती ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के बार-बार के स्पष्ट निर्देंशों के बावजूद फिल्म पद्मावत पर भाजपा सरकारों तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का रवैया यह साबित करने को काफी है कि भाजपा और उसकी सरकारें किसी ना किसी रूप में जातिवादी तथा साम्प्रदायिक हिंसा एवं हिंसक प्रवृति को बढ़ावा देना जारी रखना चाहती हैं.
बता दें कि कासगंज में गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक तिरंगा यात्रा के दौरान दो पक्षों के बीच जमकर झड़प हुई थी. हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई. इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया था. वाहनों को आग लगा दी गई और जमकर तोड़फोड़ की गई थी.
केशवानंद धर दुबे