निरहुआ ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना, बोले- जनता ने जिसे प्यार दिया वो सीट छोड़कर चले गए

सपा उम्मीदवार धर्मेद्र यादव से चुनौती पर निरहुआ ने कहा कि मैं यहां जनता के लिए आया हूं. कमल पर बैठकर लक्ष्मी मां आएंगी. जीत का मार्जिन क्या होगा वो जनता ही तय करेगी. 

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दिनेश लाल यादव (फाइल फोटो) दिनेश लाल यादव (फाइल फोटो)

अभिषेक मिश्रा

  • आजमगढ़,
  • 18 जून 2022,
  • अपडेटेड 4:58 PM IST
  • निरहुआ ने रानीपुर राजमो में की जनसभा
  • समाजवादी पार्टी पर जमकर साधा निशाना

आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ( निरहुआ) क्षेत्र में लगातार प्रचार कर रहे हैं. इस बीच शनिवार को रानीपुर राजमो में जनसभा करने पहुंचे निरहुआ ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और आजमगढ़ से सांसद रहे अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा. 

निरहुआ ने कहा कि जनता का बहुत प्यार मिला है और इस बार जनता ने तय किया है यहां पर भी कमल खिलाना है. मैं अखिलेश यादव को चुनौती देने नहीं आया. जनता ने अखिलेश को अपना प्यार दिया था, लेकिन वो सीट छोड़कर चले गए. 

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निरहुआ ने कहा कि समाजवादी पार्टी के समीकरणों को तोड़ने की जरूरत नहीं, जिस विधायक को चुना वो सत्ता में ना होने का रोना रोते हैं. जनता ने अब कमल के साथ जाने का फैसला किया है. जनता के बीच रहूंगा और उनका काम कराऊंगा. 

सपा उम्मीदवार धर्मेद्र यादव से चुनौती पर निरहुआ ने कहा कि मैं यहां जनता के लिए आया हूं. कमल पर बैठकर लक्ष्मी मां आएंगी. जीत का मार्जिन क्या होगा वो जनता ही तय करेगी. 

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ सीट से दिनेश लाल यादव को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने  हराया था. इससे पहले 2014 में भाजपा प्रत्याशी रमाकांत यादव इस सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से चुनाव हारे थे.  

लोकसभा उपचुनाव पर सबकी नजरें

गौलतलब है कि उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव पर सबकी नजरें लगी हुई हैं. आजमगढ़ को सपा का गढ़ और मुलायम परिवार का मजबूत दुर्ग माना जाता है. मोदी लहर हो या योगी लहर कभी भी आजमगढ़ में बीजेपी अच्छा नहीं कर पाई है.

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वहीं, बसपा के लिए यहां की सियासी जमीन हमेशा से उपजाऊ रही है. बसपा एक नहीं बल्कि 4 बार अपना सांसद यहां पर बनाने में कामयाब रही है, लेकिन पार्टी लिए अब यह जमीन पथरीली बनती जा रही है. ऐसे में बसपा ने शाह आलम (गुड्डू जमाली) को उपचुनाव में उतारकर दलित-मुस्लिम समीकरण का दांव खेला है? 

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