वाराणसी: विश्वनाथ मंदिर के बगल में न दिखे ज्ञानवापी ढांचा, करणी सेना अध्यक्ष बोले- एक्शन का समय

सूरजपाल सिंह ने कहा कि सरकारें देश भर में मौजूद ऐसे सभी अवैध निर्माण को गिराएं, नहीं तो करणी सेना रणनीति के तहत अभियान शुरू करेगी. जो बाबरी ढांचे को गिराने के लिए किया गया वे मथुरा और काशी में क्यों नहीं हो सकता?

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करणी सेना ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद गिराने की मांग की (फाइल फोटो) करणी सेना ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद गिराने की मांग की (फाइल फोटो)

रोशन जायसवाल

  • वाराणसी,
  • 11 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 8:05 PM IST
  • 'ज्ञानवापी ढांचा विश्वनाथ मंदिर के बगल में न दिखे'
  • 'मुगलों ने मंदिर को गिराकर किया अवैध निर्माण'
  • 'जिन्हें माहौल खराब होने का डर वो छोड़ दें देश'

हाल के दिनों में करणी सेना काफी सक्रिय हो गई है. हाथरस में हुए गैंगरेप कांड, राजस्थान के करौली में पुजारी को जिंदा जलाए जाने की खौफनाक घटना, काशी विश्वनाथ मंदिर से ज्ञानवापी मस्जिद को हटाने की बात और सुशांत सिंह राजपूत केस, इन सभी मामलों में करणी सेना ने खुलकर अपनी बात रखी है. वाराणसी में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान एक बार फिर से इन मु्द्दों को उठाया और कहा कि ज्ञानवापी ढांचा विश्वनाथ मंदिर के बगल में न दिखे. भोले की नगरी में मुगलों ने मंदिर को गिराकर अवैध निर्माण किया. वहां अब एक्शन का समय है. 

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सूरजपाल सिंह ने वाराणसी आने के पीछे के मकसद पर बात करते हुए कहा कि अगर किसी को लगता है कि देश का माहौल खराब होगा तो वे देश छोड़कर चले जाएं. ये देश उनका नहीं है जो वंदेमातरम कहने तक में शर्माते हैं. ये देश उनका नहीं है जो मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बना दिए. उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि क्या औवेसी देश का माहौल खराब नहीं कर रहा है? 

सूरजपाल सिंह ने कहा कि सरकारें देश भर में मौजूद ऐसे सभी अवैध निर्माण को गिराएं, नहीं तो करणी सेना रणनीति के तहत अभियान शुरू करेगी. जो बाबरी ढांचे को गिराने के लिए किया गया वे मथुरा और काशी में क्यों नहीं हो सकता? जिन लोगों को आज भी मुगलों से प्रेम है वे बांग्लादेश या पाकिस्तान चले जाएं. क्योंकि ये देश उनके बाप का नहीं है. औवेसी कहता है कि आने वाली पीढ़ियां अयोध्या के मंदिर को गिरा देंगी, इसकी इतनी हिम्मत हो गई. 

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वहीं सुशांत सिंह के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अभी तक यह मुद्दा ठंडा नहीं हुआ है और न ही करणी सेना ऐसा होने देगी. दीपिका पादुकोण, सारा अली खान और श्रद्धा कपूर जैसी नशेड़ी-गंजेड़ी नामी हस्तियों को सीबीआई जेल भेजने की तैयारी में है. असली दोषी पकड़े जाएंगे. सुशांत सिंह की मौत, सुसाइड नहीं हत्या है. 

करणी सेना प्रमुख ने सुशांत मामले में अभी तक के जांच और AIIMS की जांच भी अलग-अलग होने पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि नशेड़ी-गंजेड़ी अब तक बचे हुए हैं. वहीं शाहरूख, सलमान जैसे लोग चुप बैठे हैं और जया बच्चन को तकलीफ होती है. अब करणी सेना बॉलीबुड के नशेड़ी-गंजेड़ी लोगों की फिल्मों के बहिष्कार की भी प्लानिंग कर रही है.  

करणी सेना अध्यक्ष सूरजपाल सिंह ने कहा कि हाथरस की बिटिया के मामले में करणी सेना चाहती है कि गुनहगारों को सरेआम फांसी की सजा हो, लेकिन फांसी दोषी को लगनी चाहिए निर्दोष को नहीं. क्योंकि यह ऑनर किलिंग का मामला है. जिन बच्चों को आरोपी बताया जा रहा है वे दरअसल वहां मौजूद ही नहीं थे. भीम आर्मी का चंद्रशेखर, राहुल, प्रियंका एक जाति के पीछे पड़े हैं और उन्हें सरेआम गाली दे रहे हैं.

करणी सेना अध्यक्ष ने कहा कि हमारी जाति को टारगेट करके हाथरस में जातीय दंगे कराने की कोशिश की जा रही है, जिसके लिए पीएफआई से फंड मिल रहे हैं. राहुल गांधी के नेता स्वराज जीवन को भी इसी मामले में अलीगढ़ से अरेस्ट किया गया है. कहीं इस साजिश के पीछे राहुल और प्रियंका गांधी तो नहीं? ऐसा तो नहीं ये यूपी में जातीय दंगे कराकर सत्ता प्राप्ती के सपने देख रहें हैं? हाथरस के मामले में तो रेप हुआ ही नहीं है. 

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उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है तो वहां मुआवजा में 10 लाख रुपये और नौकरी देकर मामला सलटा दिया जाता है. चाहे पालघर हो या फिर राजस्थान का करौली, वहां पर साधुओं-पुजारियों की हत्या पर राहुल गांधी क्या कहना चाहतें हैं? राहुल गांधी ना जाने किस बिल से निकलकर आते हैं और भाजपा शासित राज्यों में चले जाते हैं. हाथरस में मुआवजा 50 लाख और राजस्थान में 10 लाख रुपये...ऐसा क्यों? 

यूपी में पुजारियों की हत्या पर सवाल न उठाने के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बारे में मेरी आला पुलिस अधिकारियों से बात हुई है. उसपर कार्रवाई हो रही है.  


 

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