जेएनयू के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में सरकारी दखल पर संसद में उठेगी आवाज

आजादी के बाद इलाहाबाद स्टूडेंट्स यूनियन की पहली महिला अध्यक्ष ऋचा सिंह के डीफिल एडमिशन को लेकर उठे विवाद के बीच दिल्ली आकर जेडीयू सांसद केसी त्यागी से मुलाकात की.

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केसी त्यागी ने कहा है कि वह भगवाकरण के खिलाफ आवाज उठाएंगे केसी त्यागी ने कहा है कि वह भगवाकरण के खिलाफ आवाज उठाएंगे

केशव कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 11:31 PM IST

जेएनयू के बाद अब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मचे घमासान की आवाज संसद में गूंजेगी. आजादी के बाद इलाहाबाद स्टूडेंट्स यूनियन की पहली महिला अध्यक्ष ऋचा सिंह के डीफिल एडमिशन को लेकर उठे विवाद के बीच रविवार को दिल्ली आकर जेडीयू सांसद केसी त्यागी से मुलाकात की, जिसके बाद त्योगी ने कहा कि वह मामले को सदन में उठाएंगे.

एबीवीपी की है अध्यक्ष पद पर नजर
ऋचा ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर एबीवीपी के इशारे पर काम करने और उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर यूनिवर्सिटी के वीसी काम कर रहे हैं. ऋचा ने कहा कि उसे अगर पद से हटा दिया जाता है तो उपाध्यक्ष ही अध्यक्ष हो जाएगा. उस पद पर फिलहाल एबीवीपी के प्रतिनिधि हैं.

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भगवाकरण के खिलाफ बोलेंगे त्यागी
केसी त्यागी ने कहा है कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हो रहे भेदभाव का मामला वह मंगलवार को संसद में उठाएंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार शैक्षणिक संस्थानों का भगवाकरण करने की कोशिश कर रही है. हम उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे.

त्यागी से संसद में आवाज उठाने की मांग
ऋचा ने भी यूनिवर्सिटी के भगवाकरण करने की कोशिश का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मैंने त्यागी से इस मामले को संसद में उठाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मेरे लिए छात्र और उसकी अकादमिक पढ़ाई से बढ़कर कुछ नहीं है.

योगी को रोककर सुर्खियों में आईं ऋचा
उन्होंने कहा कि इस बात का अहसास हो रहा है कि दूसरी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आरएसएस और एबीवीपी की तरह सोच न रखने वाले छात्र-छात्राओं के साथ क्या हो रहा होगा? इससे पहले बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ के कैंपस में कार्यक्रम नहीं होने देने को लेकर ऋचा खबरों में आईं थीं.

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