LED से रोशन होगा ग्रेटर नोएडा, बदलेंगी शहर की 54 हजार स्ट्रीट लाइट्स 

अभी तक ग्रेटर नोएडा में हेलोजन लाइटों से प्रकाश की व्यवस्था है. इस पर प्राधिकरण को प्रतिवर्ष 30 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. अनुमान है कि भविष्य में यह व्यय कम होकर 15 से 18 करोड़ रह जाएगा.

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नोएडा में बदलेंगी स्ट्रीट लाइट्स (सांकेतिक तस्वीर) नोएडा में बदलेंगी स्ट्रीट लाइट्स (सांकेतिक तस्वीर)

तनसीम हैदर

  • नोएडा,
  • 04 जून 2021,
  • अपडेटेड 7:26 AM IST
  • निजी कंपनियां आगामी 30 जून तक टेंडर दाखिल कर सकती हैं
  • कंट्रोल रूम एवं मोबाईल ऐप बनाकर लाइटों का सम्पूर्ण नियन्त्रण रखे जाने प्रावधान

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में पूरे शहर को एलईडी से जगमगाने का इंतजाम कर लिया है. ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण भी स्ट्रीट लाइट्स को एलईडी में तब्दील कराने जा रहा है. इसके लिए प्राधिकरण ने टेंडर जारी किए हैं.

स्ट्रीट लाइट्स को एलईडी में तब्दील करने पर करीब 74 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. एलईडी लग जाने के बाद बिजली और बिल दोनों की बचत हो सकेगी. शहर में 54 हजार स्ट्रीट लाइट्स को एलईडी में बदला जाना है. जो कंपनी इस जिम्मेदारी को संभालेगी, वह इनकी देखभाल 07 साल तक करेगी.

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि निजी कंपनियां आगामी 30 जून तक टेंडर दाखिल कर सकती हैं. इच्छुक कंपनियों के साथ 9 जून को प्री बिड बैठक की जाएगी. इस परियोजना से स्ट्रीट लाइट में पहले के मुकाबले आधी बिजली का इस्तेमाल होगा.

विद्युत बिल का खर्च भी कम हो जाएगा. सभी एलईडी स्ट्रीट लाइटों को जीआईएस से लिंक कर ईआरपी से जोड़ दिया जाएगा. इससे प्राधिकरण के अधिकारियों को अपने सिस्टम और मोबाइल फ़ोन पर तमाम जानकारी मिल जाएगी कि किस सेक्टर की कौन सी स्ट्रीट लाईट खराब है. जिसका तत्काल समाधान कराते हुये समस्या का निराकरण करा दिया जायेगा.

अभी तक ग्रेटर नोएडा में हेलोजन लाइटों से प्रकाश की व्यवस्था है. इस पर प्राधिकरण को प्रतिवर्ष 30 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. अनुमान है कि भविष्य में यह व्यय कम होकर 15 से 18 करोड़ रह जाएगा फिलहाल कोई भी स्ट्रीट लाईट खराब होने पर उसकी सूचना मिलने और ठीक कराने में काफी समय व्यतीत हो जाता है तथा सम्बन्धित को परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है.

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पिछले दिनों में प्राधिकरण द्वारा सर्वे कराया गया था, जिसमें बहुत सारी स्ट्रीट लाईटे खराब पायी गयी थी जिसके रिपेयरिंग पर खर्च भी बहुत ज़्यादा आया था. समस्त प्रकाश व्यवस्था को संचालित रखे जाने हेतु सेन्टलाईज्ड कन्ट्रोल मानिटरिंग सिस्टम (Centralized Control & Monitoring System) स्थापित किये जाने के साथ-साथ कन्ट्रोल रूम एवं मोबाईल ऐप बनाकर लाईटों का सम्पूर्ण नियन्त्रण रखे जाने प्राविधान किया गया है.

उपरोक्त सेन्टलाईज्ड कन्ट्रोल रूप संचालित होने नौएडा क्षेत्र की सभी स्ट्रीट लाईट एक साथ जलायी और बुझायी जा सकेगी. दिन में कही भी व्यर्थ की स्ट्रीट लाईट आन नहीं रहेगी, जिससे ऊर्जा के साथ-साथ धन एवं मैनपावर की भी बचत होगी. 
 


 

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