गोरखपुर हादसे पर फूटा देश का गुस्सा, सत्यार्थी बोले- ये हादसा नहीं नरसंहार

राजनेता और विपक्षी दल इस मुद्दे पर यूपी की बीजेपी सरकार को घेरने में लगे हैं और सरकार की बड़ी नाकामी बता रहे हैं. वहीं ट्विटर पर कई हस्तिओं ने भी इस हादसा पर अपना गुस्सा और दुख जाहिर किया है. पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्विटर पर लिखा कि गोरखपुर में मासूमों की मौत से दुखी हूं. दिमागी बुखार से 1978 से लेकर अबतक 50 हजार बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.

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अस्पताल में बिलखते परिजन अस्पताल में बिलखते परिजन

अनुग्रह मिश्र

  • नई दिल्ली ,
  • 12 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 11:41 AM IST

यूपी के गोरखपुर में सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से पिछले 6 दिनों में हुई 63 बच्चों की मौत से देश भर में गुस्सा है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से आते हैं और इस जगह को यूपी में राजनीतिक तौर पर सबसे अहम माना जाता है. यहां इस तरह की लापरवाही से मासूमों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.

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राजनेता और विपक्षी दल इस मुद्दे पर यूपी की बीजेपी सरकार को घेरने में लगे हैं और सरकार की बड़ी नाकामी बता रहे हैं. वहीं ट्विटर पर कई हस्तिओं ने भी इस हादसा पर अपना गुस्सा और दुख जाहिर किया है. पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्विटर पर लिखा कि गोरखपुर में मासूमों की मौत से दुखी हूं. दिमागी बुखार से 1978 से लेकर अबतक 50 हजार बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.

पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने लिखा बच्चों की मौत पर न्यूज एजेंसी की खबर को री-ट्वीट करते हुए लिखा कि लापरवाही का भुगतान कैसे होगा? किस मुआवजे से? सारे देश में अस्पतालों का निरीक्षण कराया जाए और भी भयानक दृश्य मिलेंगे चाहे निजी या सरकारी. फिल्म निर्देशक अनुभव सिन्हा ने अपना दुख जाहिर करते हुए लिखा कि सॉरी बच्चों, हम तुम्हें बचा पाने में विफल रहे. यह दुनिया वैसे तो इतनी खूबसूरत नहीं है लेकिन तुम लोग इसे बेहतर बना सकते थे.

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गोरखपुर की घटना पर फिल्म अभिनेत्री नेहा धूपिया ने ट्विटर पर पर लिखा कि यह घटना भयावह और चौंकाने वाली है. पीड़ित परिवारों के दर्द की कल्पना कर नहीं की जा सकती. बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने गोरखपुर की घटना को नरसंहार बताया है. उन्होंने लिखा कि हमारी बच्चों के लिए आजादी के 70 वर्षों का क्या यही मतलब है.

कॉलमिस्ट और लेखक सोहेल सेठ ने ट्विटर पर लिखा कि अगर किसी भी देश भी इस तरह से 30 बच्चों की जान चली जाती है तो वह किसी भी प्रगतिशील देश के लिए शर्म की बात है. दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

 

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